Shringrishi Tirth , Sanghan
शृंगी ऋषि/शंखिनी देवी तीर्थ नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 22 कि.मी दूर कैथल-टोहाना मार्ग पर सांघन ग्राम में स्थित […]
शृंगी ऋषि/शंखिनी देवी तीर्थ नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 22 कि.मी दूर कैथल-टोहाना मार्ग पर सांघन ग्राम में स्थित […]
अरन्तुक यक्ष को समर्पित यह तीर्थ कैथल से लगभग 26 कि.मी. दूर कैथल-पटियाला जिलों की सीमा पर बेहरजख ग्राम के
बह्मावर्त नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 20 कि.मी. की दूरी पर प्रभावत ग्राम के पश्चिम में स्थित है। कुरुक्षेत्र
गन्धर्व नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 21 कि.मी. दूर ग्राम गोहरां खेड़ी में स्थित है। इस तीर्थ का वर्णन
इक्षुमति नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 20 कि.मी. दूर सरस्वती नदी के किनारे पोलड़ ग्राम में एक प्राचीन टीले
सुतीर्थ नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 21 कि.मी. की दूरी पर सौंत्था ग्राम के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। इस
शीतवन/स्वर्गद्वार नामक यह तीर्थ कैथल से 15 कि.मी. दूर गुहला-चीका मार्ग पर सीवन ग्राम में स्थित है। वामन पुराण में
मातृ तीर्थ नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 19 कि.मी. की दूरी पर ग्राम रसूलपुर के पूर्व में स्थित है।
श्रीकुंज नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 20 कि.मी. दूर कैथल-पिहोवा मार्ग पर बानपुरा में स्थित है। बानपुरा में स्थित
नैमिष नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 17 कि.मी. दूर कैथल-पिहोवा मार्ग पर नौच ग्राम में स्थित है। महाभारत के
वेदवती नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 14 कि.मी. दूर बलवन्ती नामक ग्राम में स्थित है। वामन पुराण में इस
कोटिकूट नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 11 कि.मी दूर क्योड़क ग्राम में स्थित है। क्योड़क नामक ग्राम में स्थित