हैंडमेड चॉकलेट बनी महोत्सव में आने वाले बच्चों, युवाओं व बुजुर्गों की पहली पसंद

हैंडमेड चॉकलेट बनी महोत्सव में आने वाले बच्चों, युवाओं व बुजुर्गों की पहली पसंद

अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर आगामी 24 दिसंबर तक चलने वाले सरस मेले में इस बार बच्चों की पसंद का विशेष ध्यान रखा गया है। बच्चों के लिए मेले में स्वादिष्ट चॉकलेट्स उपलब्ध हैं और बड़ी बात तो यह है कि यह चॉकलेट्स हैंडमेड हैं और 50 से भी ज्यादा फ्लेवर में उपलब्ध इन चॉकलेट्स को देखकर बच्चे तो बच्चे, बड़ी उम्र के चॉकलेट शौकीन भी अपने आप को रोक नहीं पा रहे और चॉकलेट लेने के लिए मेले में भीड़ लगी हैं।

अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में यह चॉकलेट्स ब्रह्मसरोवर के घाट पर लगे सरस मेले के स्टॉल नंबर 172 पर उपलब्ध हैं। स्टॉल पर मौजूद कपिल बताते हैं कि उनके द्वारा तैयार चॉकलेट्स किसी बड़े ब्रांड के चॉकलेट की तुलना में कहीं कम नही है। सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि हैंडमेड चॉकलेट्स होने के बावजूद तैयार करते समय इनके हाइजीन होने का विशेष ध्यान रखा गया है। यह नंही ओरियो,डार्क, ऑरेंज, वनिला, कोकोनट, रबड़ी, क्रंच, फ्रूट ब्लास्ट, मिंट, एनर्जी बाईट और रोज सहित 50 से अधिक फ्लेवर में यह चॉकलेट्स स्टॉल पर उपलब्ध हैं। इनमें पान चोकलेट व राजभोग चॉकलेट सबसे अधिक पंसद की जा रही है।

कपिल बताते हैं कि देश मे चॉकलेट्स का व्यापार करने वाली विख्यात कम्पनियों के पास भी इतने फ्लेवर उपलब्ध नहीं है और बड़ी विशेषता यह भी है कि उनकी कंपनी अपने ग्राहकों को कस्टमाइजेशन का भी फायदा दे रही हैं यानी उपहार के तौर पर देने वाले इसे अपने मन मुताबिक भी तैयार करवा सकते हैं। यह चॉकलेट्स बड़े गिफ्ट हैंै। चॉकलेट्स का उत्पादन धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में ही हो रहा है। उनके द्वारा निर्मित चॉकलेट्स विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है और उनकी कम्पनी पूरे देश में हैंडमेड चॉकलेट्स की बड़ी विक्रेता कम्पनियों में से एक है।

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