हरियाणवी शैली के मुरीद बन पारंपरिक गीतों पर खूब झूमें बुजुर्ग पर्यटक

हरियाणवी शैली के मुरीद बन पारंपरिक गीतों पर खूब झूमें बुजुर्ग पर्यटक

हरियाणा के साथ-साथ पंजाब के कलाकारों ने खूब बांधा समां
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में बनाए गए हरियाणा मंडप के सांस्कृतिक मंच पर वीरवार को हरियाणवी शैली से ओतप्रोत गीतों व रागनियों की प्रस्तुतियां रही। पारंपरिक शैली के मुरीद बनकर दर्शक विशेषकर बुजुर्ग पर्यटक खूब झूमते नजर आए। इसके साथ-साथ पंजाब से आए कलाकारों ने भी अपनी लोक शैली की प्रस्तुति देकर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया।
हरियाणा कला परिषद व कला एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा करवाए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ यूके की डिप्टी हाई कमीश्नर कैरलीन रोवेट, हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन, रधुविन्द्र मलिक,सौरभ चौधरी, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी दीपिका, हेमा, तान्या चौहान, रेणू हुडडा आदि ने दीपशिखा प्रज्वलित किया। कार्यक्रम की शुरूआत में दिलावर एण्ड पार्टी ने गीता ज्ञान की प्रस्तुति दी और अपने गीत के बोल में श्री कृष्ण ने दिया अर्जुन को ज्ञान गीता का, राम नाम सबसे बड़ा, इसतै बड़ा न कोई आदि के माध्यम से सभी को परमेश्वर के चरणों में ध्यान लगवाया।
सांस्कृतिक मंच पर इन्द्र लाम्बा एण्ड पार्टी ने मांगे राम की प्रसिद्ध रचनाएं सुनाई और उन्होंने आगे भाई कृष्ण भगवान, धरलो ध्यान,सुथरी शान, पीताम्बर बाणा सै हरियाणवी प्रस्तुतियों से पंडाल में बैठे विशेषकर बुजुर्गों को झुमने पर मजबूर किया। इसके बाद राजकुमार व उनके गु्रप ने हरियाणवी समूह नृत्य पेश करके सभी को अपने साथ नचाया। कार्यक्रम में बल्ले रोमिया के ग्रुप की लड़कियों ने लोक गीत हरि भरी धरती, प्रदेश म्हारा हरियाणा, गऊ धन भण्डार भरे, यहां दूध-दही का खाना गाकर हरियाणा की समृद्घ संस्कृति से सबको रूबरू करवाया। इसी प्रकार पंजाब के मोहाली से सुखदर्शन व उनके कलाकार साथियों ने पंजाब की संस्कृति को परिभाषित करती हुइ प्रस्तुतियां दी। उनकी प्रस्तुतियों में भंगड़े का स्वरूप समाहित था, जिस पर सभी दर्शकों ने झूमकर व तालियां बजाकर कलाकारों का हौंसला बढ़ाया।

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