जनसंपर्क विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में वर्चुअल रियलिटी बनी आकर्षण का केंद्र, हजारों लोगों ने लाईन में लगकर देखी गीता स्थली ज्योतिसर की डाक्यूमेंट्री
वर्चुअल रियलटी (वीआर) तकनीक से गीता स्थली ज्योतिसर के साक्षात दर्शन किए जा सकते है। इस गीता स्थली के इतिहास को देखने और सुनने के लिए लोग लाइन में लगकर ज्योतिसर के बारे में उत्सुकता से जानकारी ले रहे है। इस वीआर तकनीक से ज्योतिसर के दर्शन करवाने के लिए सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की तरफ से एक विशेष प्रोजेक्ट राज्यस्तरीय प्रदर्शनी में लगाया है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक एवं मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल के प्रयासों से ही राज्यस्तरीय प्रदर्शनी में वीआर तकनीकी के प्रोजेक्ट को लगाया गया है। इस वीआर प्रोजेक्ट का उदघाटन 17 दिसंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया था। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से राज्यस्तरीय प्रदर्शनी में आने वाले हर वर्ग के व्यक्ति ने वीआर तकनीक के माध्यम से गीता स्थली ज्योतिसर के साक्षात दर्शन किए। इस वीआर तकनीक में विशेष साफ्टवेयर का प्रयोग किया गया है। इस साफ्टवेयर में ज्योतिसर पर शुट की गई 2 मिनिट की वीडियो और वॉयस ओवर से गीता स्थली ज्योतिसर के माध्यम से बारीकि से जानकारी दी गई है। इससे कोई भी व्यक्ति ज्योतिसर के इतिहास के बारे में सहजता से जानकारी हासिल कर सकता है।
एडीपीआर डा. कुलदीप सैनी ने राज्यस्तरीय प्रदर्शनी के प्रबंधों का अवलोकन करते हुए कहा कि राज्यस्तरीय प्रदर्शनी में पहली बार वीआर तकनीक का प्रयोग किया गया है। इस वीआर यंत्र को आंखों पर लगाया जाता है और कानों पर स्पीकर आ जाते है। इस प्रकार कोई भी व्यक्ति आंखों से गीता स्थली ज्योतिसर के प्राचीन इतिहास को देख सकता है और वायॅस ओवर से ज्योतिसर के बारे में तमाम जानकारी मिल सकती है। इस तकनीकी से ज्योतिसर को देखने के लिए युवा वर्ग में खासा उत्साह देखा गया। अब तक हजारों लोग इस सुविधा का फायदा उठा चुके है और गीता स्थली ज्योतिसर के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल कर चुके है।