अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में लगाई गई राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टॉल पर महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं जनहितकारी नीतियों के बारे में बताया जा रहा है। विभाग के स्टॉल पर केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के बारे में जानकारी दी जा रही है कि एडॉप्शन के लिए क्या और क्या न करें।
स्टॉल पर मौजूद विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गोद लेने के लिए किसी भी नर्सिंग होम, अस्पताल, प्रसूति गृह, अनाधिकृत संस्थान या व्यक्ति से सम्पर्क न करें, कोई भी गलत दस्तावेज अपलोड न करे अन्यथा आपका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। कारा दिशा-निर्देशों में निर्धारित के अलावा किसी भी अतिरिक्त गोद लेने के शुल्क का भुगतान न करें, निर्देशों के अनुसार दस्तावेज अपलोड करें, दलालों बिचौलियों से दूर रहे, गोद लेने में दलालों बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होती। वे आपको अवैध रूप से बच्चा गोद लेने के लिए गुमराह करेंगे। अवैध गोद लेने के माध्यम से आप अनजाने में बाल तस्करी नेटवर्क का हिस्सा बन सकते है और कानूनी दुष्परिणामों से खुद को बचाए।
उन्होंने कहा कि केवल राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त विशिष्ट दत्तक ग्रहण एजेंसियों से ही गोद ले, वेबसाइट पर दिशा-निर्देशों को ध्यान से पढ़े, अपना पंजीकरण पूरा करने के लिए सभी चरणों का पालन करें, दत्तक ग्रहण संबंधी शुल्कों के लिए बच्चों के दत्तक ग्रहण को नियंत्रित करने वाले दिशा-निर्देशों (2015)की अनुसूची-13 देखें तथा पूछताछ मामले में टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर- 1800-11-1311 पर सम्पर्क करेें। इस स्टॉल पर तैनात महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर प्रेम व कविता ने बताया कि इस स्टॉल पर आने वाले पर्यटकों को प्ले स्कूलों के बारे में तथा पौष्टिक आहार आदि के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में पूर्व स्कूली शिक्षा की एक पहल की गई है जिसके लिए प्रदेश में 4 हजार प्ले स्कूल खोले गए हैं तथा 4 हजार और प्ले स्कूल खोलने की मंजूरी सरकार द्वारा दी गई है। इन प्ले स्कूलों में बच्चों के रचनात्मक विकास, भौतिक विकास, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास की ओर विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। इस स्टॉल पर किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 तथा स्पांसरशिप स्कीम के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।