कर्मयोगी की धरा पर कर्म संदेश के साथ पर्यटकों को नजर आएंगी श्रीकृष्ण लीलाएं, आस्ट्रेलिया की सरजमीं पर 2023 में सुनाई देगी गीता की गूंज
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव विश्व पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ चुका है। अब महाभारत स्थली कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं नजर आएंगी। कर्मयोगी धरा पर गीता महोत्सव की तर्ज पर कृष्णा उत्सव मनाया जाएगा। इस उत्सव को मनाने के लिए शहर सभी सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल गत्त दिवस कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के सभागार में श्रीमद्भगवद गीता सदन में अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी को संबोधित करने के उपरांत बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता महोत्सव का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है। वर्ष 2016 में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को मनाने का सिलसिला शुरू हुआ और विदेशी सरजमीं पर गीता की वाणी गूंजी। आगामी 2023 में ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर गीता गूंज सुनाई देगी। इससे पहले मारिशस, लंदन व कनाडा में गीता महोत्सव मनाया जा चुका है। कनाडा में बाकायदा गीता के नाम से पार्क स्थापित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए सरकार ने कुरुक्षेत्र की धरा पर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत करने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी के मंच से कहा कि कि भगवानी श्रीकृष्ण का हरियाणा से विशेष संबंध है। कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। गीता महोत्सव की तर्ज पर कृष्णा उत्सव मनाया जाएगा, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से लेकर रासलीला और साधारण व्यक्तित्व, राजा और कर्मयोगी के व्यक्तित्व की झलक दिखाई जाएगी। उत्सव के दौरान झांकियों के माध्यम से कृष्ण अवतार और उनकी रासलीला व संगीत कला प्रदर्शित की जाएंगी। इस उत्सव के माध्यम से लोगों को भगवान श्री कृष्ण के जीवन के वास्तविक पहलुओं को करीब से देखने का मौका मिलेगा और वे भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपने जीवन में धारण कर सकेंगे।
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सांस्कृतिक व पौराणिक धरोहर को संजोया
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा ने भौतिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक व पौराणिक धरोहर को संजोया है। इसी दिशा में हरियाणा आगे बढ़ रहा है और कुरुक्षेत्र का विकास किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र को स्वदेश दर्शन योजना व कृष्णा सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। विद्यार्थियों को स्कूलों में गीता का अध्ययन करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम निरंतर प्रयासरत हैं कि हमारी महान संस्कृति की जीवन मूल्य नई व युवा पीढ़ी तक पहुंचे।