सांध्यकालीन महाआरती में केयूके के वीसी प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने की शिरकत, मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित
कुरुक्षेत्र 1 दिसंबर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का एक पौराणिक और आध्यात्मिक इतिहास रहा है। इस धरा पर जहां भगवान श्रीकृष्ण ने मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया वहीं पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोंको ने मानवता को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया है। इसके साथ-साथ अनेक महान संतों के पैर इस धरा पर पड़े।
प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा वीरवार को देर सायं ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, जितेंद्र ढींगड़ा, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, सीईओ चंद्रकांत कटारिया, रविंद्र सांगवान, सुशील राणा सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव पर ब्रहमसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र धरा के स्मरण मात्र से ही मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ-साथ ब्रहमसरोवर का भी कुरुक्षेत्र के इतिहास में एक धार्मिक और पौराणिक इतिहास है। विभिन्न अवसरों पर इस तीर्थ के सरोवर में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया। केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।