International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

कला कल्याण की जननी है और कलाकार के लिए है संजीवनी…

शिल्प मूर्तिकला गीता उद्यान में स्थापित 21 शिल्पकलाएं चिरकाल तक बढ़ाती रहेंगी ब्रह्मसरोवर की शोभा, राज्य की लुप्त होती मूर्तिकला के विकास में मील का पत्थर होगी साबित
कला कल्याण की जननी है और कलाकार के लिए संजीवनी…ब्रह्मसरोवर का पावन तट समकालीन मूर्ति शिल्पकला से चिरकाल तक सजा रहेगा। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा द्वारा आयोजित पाषाण प्रसंग राष्ट्रीय समकालीन मूर्तिशिल्प शिविर मे बनाए गए 21 आधुनिक खूबसूरत मूर्ति शिल्प को चिरस्थाई स्थापित कर अद्भुत भगवदगीता शिल्प उद्यान का उद्घाटन किया गया था। राज्य मे लुप्त होती मुर्तिकला के विकास मे यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। किसी भी सभ्यता व संस्कृती की सुगम तम परिचायक उसकी कला होती है।
प्रधान सचिव डी. सुरेश एवं निदेशक महावीर कौशिक के मार्गदर्शन मे निरंतर विभाग कलात्मक दृष्टिकोण से कार्य कर रहा है। कला अधिकारी हृदय कौशल के नेतृत्व एंव कठिन परिश्रम से 150 टन वजन की चट्टानों मे हरियाणा व अन्य राज्यों के 21 युवा कलाकारों के साथ 21 दिन तक दिन रात कलात्मक प्रतिभा व हुनर का परिचय देते हुए 21 खूबसूरत मुर्ति शिल्पों का निर्माण कर राज्य को राष्ट्रीय समकालीन मूर्ति शिल्प का पायदान दिलाया। पहली बार ऐसा सराहनीय कदम विभाग द्वारा उठाया गया है। इस शिविर में हरियाणा राज्य से राज, अमित, दिनेश महिपाल, अनुप, नरेन्द्र, मोनू, मदन, हरपाल, कुलदीप, राहुल, मीनाक्षी, हृदय कौशल, प्रिंस, गोल्डी, सुशांक तथा अन्य राज्यों से माया राम, डा.स्नेह लता, अरुणधती, राकेश पटनायक, वीरेन्द्र प्रतिभागी रहे। हृदय कौशल की इस टीम ने अद्भुत उर्जा से ये चिरस्थाई शिल्प गढ़े है। पावन तट पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने आधार बनाकर स्थापित किया। सदियों तक ये मुर्ति शिल्प देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर कलात्मक कौतूहल पैदा कर कला यात्रा की पगडंडी को हाईवे का रुप देंगे।

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