जिला लोक सम्पर्क एवं परिवेदना समिति के सदस्य तथा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र सिंघल ने कहा कि गीता एक ऐसा ग्रंथ है जिसे जितनी बार पढ़ा या सुना जाए, हर बार नया व्याख्यान देखने को मिलता है। गीता स्वयं हर सवाल का जवाब है और आज यह देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पढ़ी जा रही है। गीता के 700 श्लोक जीवन की सार्थकता को बताते हैं।
वे सोमवार को लाडवा के हिन्दू हाई स्कूल में आयोजित तीन दिवसीय जिला स्तरीय गीता जयन्ती समारोह के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने श्रीमद्भगवद गीता की पुस्तक पर पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना की।
पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र सिंघल ने कहा कि गीता केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए जीवन जीने की कला का संग्रह है। गीता के श्लोकों का स्मरण करने से जहां मन को शांति मिलती है, वहीं हमारी आध्यात्मिक वृद्धि होती है। लाडवा में पहली बार गीता जयन्ती समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जो 11 दिसम्बर तक चलेगा।
उन्होंने कहा कि गीता जीवन का आधार है और जैसे मां वात्सल्य देती है, वैसे ही गीता भी जीवन को सही दिशा दिखाती है। गीता में दिया गया ज्ञान हर समस्या का समाधान प्रदान करता है और जीवन को सकारात्क दृष्टिकोण से जीने की प्रेरणा देता है।
इस समारोह में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें 11 कुंड बनाए गए थे और गणमान्य व्यक्तियों ने पूजा अर्चना कर आहुति डाली। बाद में मुख्य अतिथि नरेन्द्र सिंघल ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें कुशल कारीगरों द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।
इस अवसर पर तहसीलदार नवम धानिया, एआईपीआरओ बलराम शर्मा, नायब तहसीलदार बलकार सिंह, बीईओ हरदीप कौर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. गणेश दत्त और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।