International Gita Mahotsav

Ekhans Tirth, Iqus

एक हंस नामक यह तीर्थ जीन्द से लगभग 7 कि.मी. दूर इक्कस ग्राम के पूर्व मे स्थित है। महाभारत एवं वामन पुराण में एकहंस नाम से वर्णित तीर्थ ही सम्भवतः अपभ्रंश होकर कालान्तर में इक्कस नाम से विख्यात हुआ।
इस तीर्थ का उल्लेख महाभारत, वामन पुराण तथा पद्म पुराण में हुआ है। लोक प्रचलित मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु का हंसावतार इस स्थान पर हुआ था। इसका धार्मिक महात्म्य भी महाभारत, वामन एवं पद्म पुराण में बिल्कुल एक जैसा ही है। महाभारत में इसका महत्त्व इस प्रकार वर्णित है:
एकहंसे नरः स्नात्वा गो सहस्र फलं लभेत्।
(महाभारत वन पर्व 83/20)
अर्थात् एकहंस नामक तीर्थ में स्नान करने वाला व्यक्ति सहस्रांे गऊओं के दान का फल प्राप्त करता है।
गाँव के पूर्व में एक सरोवर स्थित है जो लोकप्रचलित भाषा में ढूंढू तालाब के नाम से विख्यात है। जनश्रुति के अनुसार महाभारत युद्ध के अंत में दुर्योधन ने इसी सरोवर में आश्रय लिया था। तत्पश्चात् पांचो पाण्डव एवं श्रीकृष्ण दुर्योधन को ढूंढते हुए यहाँ पहुँचे। सम्भवतः इसी कारण जनसाधरण की भाषा में इस तालाब का नाम ढूंढू पड़ गया। इसी स्थान पर श्रीकृष्ण के संकेत पर भीम ने दुर्योधन की जंघा पर गदा प्रहार करके उसका वध किया था। लौकिक मान्यताओं के अनुसार इस तीर्थ पर चार रविवारों को निरन्तर स्नान करने पर व्यक्ति की प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है।
सरोवर के घाटांे से प्राप्त उत्तर-गुप्तकालीन ईंटों तथा खण्डित मूर्तियों के अवशेषों से यह प्रतीत होता है कि यह तीर्थ पूर्व मध्यकाल से सम्बन्धित हैं।

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