जनजातीय कला की अनमोल छटा
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सांस्कृतिक रंगों की सुगंध और परंपराओं की मुस्कान ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस महोत्सव […]
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सांस्कृतिक रंगों की सुगंध और परंपराओं की मुस्कान ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस महोत्सव […]
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में रंगों से सजी मुस्कानें और संस्कृति की मनमोहक झलक ने पूरे वातावरण को उत्सवमय कर दिया।
04 दिसंबर 2025 को ब्रह्मसरोवर, कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के नॉर्थ ज़ोन
शाहाबाद स्थित मारकंडेश्वर मंदिर में पहली बार आयोजित जिला स्तरीय गीता जयंती समारोह के प्रातःकालीन सत्र में 3100 से अधिक
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव इस वर्ष पारंपरिक शिल्पकला को नई पहचान देने के साथ-साथ शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 में शिक्षा विभाग का निपुण पंडाल लोगों के लिए विशेष आकर्षण बना हुआ है। स्टॉल नंबर
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 में इस बार लेदर के पर्स और हैंडबैग खास आकर्षण बने हुए हैं। शिल्पकार महिलाओं के
मंदिर की शिखरों से उठती रोशनी मानो ईश्वर स्वयं हमारी आशाओं को उड़ान दे रहे हों। यह प्रकाश केवल भौतिक
डूबते सूरज की लालिमा में आज ब्रह्मसरोवर मानो स्वयं बोल उठा—जहाँ हर साँझ गीता का संदेश मन में शांति का
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 के अंतर्गत ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में आयोजित सांध्यकालीन महाआरती में अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण देखने को मिला,
आज कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में आयोजित बलराम कुश्ती दंगल ने परंपरा, शक्ति और रोमांच का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की पावन प्रेरणा से सजे इस आयोजन में आज लाड़वा के बच्चों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से