



गीता महोत्सव की रौनक में जब ये चमचमाते बुलबुले हवा में तैरते हैं, तो ऐसा लगता है मानो खुशियाँ खुद आसमान से उतरकर लोगों के बीच बिखर रही हों। रंग-बिरंगे, जगमगाते इन बुलबुलों को देखकर बच्चों की आँखों में चमक और चेहरों पर खिली मुस्कान पूरे मेले को और भी जीवंत बना देती है। बड़े हों या छोटे—हर कोई कुछ क्षणों के लिए अपने बचपन में लौट जाता है, जब हवा में उड़ते बुलबुले सिर्फ खेलने का नहीं, बल्कि सपनों जैसा एहसास देते थे। गीता महोत्सव का यह छोटा-सा जादुई पल हर दिल को हल्का कर देता है, खुशियों की फुहारें बिखेरता है और मेले की रंगीन दुनिया को और भी सुंदर बना देता है।