International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

सांध्यकालीन महाआरती में सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की सहभागिता, ब्रह्मसरोवर में गूंजे गीता के उपदेश

पवित्र ग्रंथ गीता में मानव जीवन की हर समस्या का समाधान निहित

सांध्यकालीन महाआरती में सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की सहभागिता, ब्रह्मसरोवर में गूंजे गीता के उपदेश

कुरुक्षेत्र, 18 दिसंबर
धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पवित्र स्थली ज्योतिसर, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने विश्व को गीता का अमृत-ज्ञान दिया, आज भी आध्यात्मिक ऊर्जा और ज्ञान का विराट केंद्र है। गीता के उपदेश मानव जीवन की हर समस्या का समाधान प्रस्तुत करते हैं। गीता के श्लोकों का स्मरण मन को शांति देता है, चिंतन को निर्मल करता है और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर को पापों से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण, सोमवती अमावस्या, चौदस और अन्य शुभ तिथियों पर इन सरोवरों में स्नान करने से हजारों यज्ञों के समान पुण्य प्राप्त होता है।


सांध्यकालीन महाआरती का आध्यात्मिक वैभव

मंगलवार सांय ब्रह्मसरोवर स्थित पुरुषोत्तमपुरा बाग में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत भव्य गीता महाआरती का आयोजन हुआ।
विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं ने इसमें बड़ी संख्या में शिरकत की और पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन किया।

महाआरती में केडीबी मानद सचिव उपेंद्र सिंघल के साथ-साथ कई प्रमुख संस्थाओं ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं—

  • शिव मंदिर सेक्टर–4

  • सैनी समाज

  • कश्यप राजपूत समाज

  • श्याम प्रेमी परिवार

  • महादेव गौशाला

  • दक्ष प्रजापति सभा

  • पाल गडरिया समाज

  • गायत्री परिवार
    तथा अनेक अन्य संगठन और गणमान्य व्यक्ति।

सभी ने दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रूप से ब्रह्मसरोवर की महाआरती का शुभारंभ किया।
महाआरती के मंत्रोच्चार और गीता के उपदेशों का गायन पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल और रुद्र द्वारा किया गया, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा।


कुरुक्षेत्र का महत्व विश्वव्यापी

भगवान श्रीकृष्ण ने इसी पवित्र धरा से गीता का उपदेश दिया, इसलिए कुरुक्षेत्र केवल भारत ही नहीं, पूरे विश्व के लिए आस्था और ज्ञान का केंद्र है।
हर वर्ष की भांति इस बार भी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और विभिन्न संस्थाओं द्वारा गीता महोत्सव परंपरागत और हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया जा रहा है।

सांध्यकालीन महाआरती का दिव्य दृश्य उपस्थित लोगों के लिए एक सुखद और आध्यात्मिक अनुभव रहा।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में शामिल थे—
विजय नरूला, प्रधान गुरनाम सिंह सैनी, डॉ. एम.के. मोदगिल, कैप्टन अमरजीत सिंह, अशोक रोशा, डॉ. ऋषिपाल मथाना, डॉ. अवनीत वडैच, सौरभ चौधरी, डॉ. अलकेश मोदगिल, राजेश शांडिल्य, डॉ. संदीप छाबड़ा, रोशन बेदी, संजय चौधरी, धीरज वालिया, विनोद गर्ग, हरमेश सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति।

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