इस रंगीन और जोश से भरे नृत्य ने सबको न सिर्फ अपने कदमों पर थिरकने को मजबूर किया, बल्कि पंजाबी संस्कृति के जश्न और उल्लास को भी प्रदर्शित किया।
पंजाबी भंगड़ा की धुन, तेज़ लय, और जीवंत उत्साह ने महोत्सव के वातावरण को पूरी तरह से जीवित कर दिया। नर्तक अपनी ऊर्जा से हर किसी को जोड़ते हुए गीता के संदेश को भी प्रसारित करते हुए दिखाई दिए। यह नृत्य न केवल एक कला का प्रदर्शन था, बल्कि यह संस्कृति, समृद्धि, और आध्यात्मिकता का सुंदर संगम था।
भंगड़ा की प्रस्तुति ने महोत्सव को एक उल्लासपूर्ण और अद्भुत माहौल दिया, जो हर दर्शक के दिल में छाप छोड़ गया।