अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान श्री कृष्ण जी के भजनों पर कलाकारों ने अपनी नृत्य कला से महोत्सव में एक दिव्य वातावरण बना दिया। भजनों की मधुर धुन पर ताल मिलाते हुए कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से श्री कृष्ण के आशीर्वाद और भक्ति का संदेश फैलाया। उनका हर एक कदम और भावनाओं से भरा प्रदर्शन दर्शकों को भावविभोर कर गया और एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया।
कृष्ण भक्ति में डूबे इस नृत्य ने महोत्सव को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया, जहाँ हर दर्शक के दिल में श्री कृष्ण की महिमा और प्रेम का आभास हुआ। कलाकारों ने अपनी कला से यह सिद्ध कर दिया कि भक्ति और कला का संगम हमेशा अद्भुत होता है।