धर्मनगरी कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर आज षडदर्शन साधुसमाज द्वारा आयोजित गीता महायज्ञ में अप्रवासी भारतीयों ने अपनी आहुतियां डाली। यह महायज्ञ श्री अवधूत आश्रम पिहोवा मार्ग, नरकातारी, कुरुक्षेत्र में चल रहा है, जहाँ संत समाज और श्रद्धालु विश्व कल्याण और शांति के लिए आहुतियां अर्पित कर रहे हैं।
गौरतलब है कि महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरि जी महाराज और महंत बंशी पुरी जी महाराज के मार्गदर्शन में, परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज की अध्यक्षता में और महंत गुरुभगत सिंह, महंत महेश मुनि, महंत ईश्वर दास जैसे संत महात्माओं के सानिध्य में इस महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
अप्रवासी भारतीयों का इस महायज्ञ में सक्रिय रूप से भाग लेना एक विशेष घटना है। जर्मनी से आई शिखा कुमारी ने बताया कि यज्ञ से निकली ऊर्जा मानव कल्याण के लिए आलौकिक शक्ति प्रदान करती है और रोगों के निवारण में मदद करती है। उन्होंने कुरुक्षेत्र को परम शांति का स्थान बताते हुए महायज्ञ में भाग लिया। उनके साथ उनकी बहन डा. संजीव कुमारी ने भी आहुति डाली।
परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज ने शिखा कुमारी को शाल ओढ़ाकर और गीता भेंट करके सम्मानित किया।
गीता महायज्ञ में प्रत्येक दिन प्रातः 9 बजे गीता पूजन के साथ 700 श्लोकों के पाठ का आयोजन होता है। श्रद्धालु और संत समाज तीन बार दिन में आहुतियां डालते हैं, जिससे इस पवित्र महोत्सव की ऊर्जा और भक्ति का वातावरण हर ओर फैलता है।