International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

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Vishnupad Tirth, Barsana


विवष्णु पद नामक कुरुक्षेत्र भूमि का यह प्रमुख तीर्थ कैथल से लगभग 22 कि.मी. दूर बरसाना नामक गाँव में स्थित है। बरसाना में स्थित यह तीर्थ भगवान विष्णु से सम्बन्धित है। यहां भगवान विष्णु वामन रूप में अवस्थित हैं। महाभारत वन पर्व के अन्तर्गत इस तीर्थ का नाम एवं महत्त्व वर्णित है तथा वामन पुराण में भी इस तीर्थ का नाम एवं महत्त्व महाभारत की अपेक्षा कुछ विस्तार से वर्णित है।
वामन पुराण में वर्णित कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने वामनावतार लेकर दैत्यराज बलि से उसका सम्पूर्ण राज्य लेकर उसे सुतल नामक पाताल सौंप दिया था। बलि ने वामनरूपधारी विष्णु से यह प्रश्न किया था कि वहाँ निवास करने पर वह किस विधि से निरन्तर उनका स्मरण कर सकेगा। तब वामन रूपधारी श्री विष्णु ने उसे बताया था कि अविधिपूर्वक दिए गए दान, क्षोत्रिय ब्राह्मण से रहित श्राद्ध तथा श्रद्धा रहित हवन तुम्हारा भाग बनेंगे। अत्यन्त पवित्र ज्येष्ठाश्रम तथा विष्णु सरोवर में जो भी मनुष्य श्राद्ध, दान, व्रत या नियमपालन करेगा तथा विधि या अविधिपूर्वक जो कोई क्रिया वहाँ की जाएगी, उसके लिए वह सभी निःसन्देह अक्षय फलदायी होगीं
ज्येष्ठाश्रमे महापुण्ये तथा विष्णुपदे ह्रदे।
ये च श्राद्धानि दास्यन्ति व्रतं नियमेव च।
क्रिया कृता च या काचिद् विधिनाविधिनापि व।
सर्वं तदक्षयं तस्य भविष्यति न संशयः।
(वामन पुराण 31/82-83)
वामन पुराण के अनुसार जो मनुष्य ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की एकादशी के दिन उपवास कर द्वादशी के दिन विष्णुपद नाम के सरोवर में स्नान कर यथाशक्ति दान देगा, वह परमपद को प्राप्त करेगा। महाभारत में भी इस तीर्थ का महत्त्व वर्णित है जिसके अनुसार तीनों लोकों में विख्यात विष्णुपद तीर्थ सरोवर में स्नान करकें वामन रूपधारी भगवान विष्णु की अर्चना करने वाला मनुष्य सभी पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक को प्राप्त करता है।

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