21 मूर्तिकारों ने 21 दिन में 21 सहायकों के साथ सजाया ब्रह्मसरोवर का पावन तट

21 मूर्तिकारों ने 21 दिन में 21 सहायकों के साथ सजाया ब्रह्मसरोवर का पावन तट

राजस्थान से 150 टन भैंसलाना ब्लैक मार्बल मंगवाकर बनाई मूर्तियां, श्रीमद्भगवद्गीता, आजादी के अमृत महोत्सव और हरियाणवी संस्कृति के विषय पर बनाई हैं मूर्तियां
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 29 नवंबर को जिस शिल्प उद्यान का उद्घाटन किया था, इस उद्यान की विशेष बात है कि यहां लगी 21 मूर्तियों को 21 मूर्तिकारों ने 21 सहायकों के साथ 21 दिन में तैयार किया है। इन्हें श्रीमद्भगवद्गीता, आजादी के अमृत महोत्सव और हरियाणवी संस्कृति के विषय पर बनाया गया है। इसे बनाने वाले मूर्तिकारों ने हरियाणा सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि इससे न केवल ब्रह्मसरोवर तट की सुंदरता बढ़ेगी बल्कि मूर्तिकारों को भी कला प्रदर्शित करने का अवसर मिला है।
कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी, मूर्तिकला ह्रदय कौशल ने बताया कि इस शिल्प उद्यान को बनाने के लिए 150 टन भैंसलाना ब्लैक मार्बल को राजस्थान से ट्रकों में भरकर लाया गया। इसके बाद उन्हें इसी शिल्प उद्यान में तैयार किया गया। श्रीमद्भगवद्गीता, आजादी के अमृत महोत्सव और हरियाणवी संस्कृति के विषय को ध्यान में रखकर मूर्तियों को बनाया गया। इसके बाद इन्हें क्रेन से अलग-अलग स्थान पर स्थापित किया गया। इन मूर्तियों के साथ लगी नेम प्लेट को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा लगाया गया है।
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हरियाणा और 5 अन्य राज्यों के 21 युवा कलाकारों ने तैयार की है मूर्तियां
कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी ह्रदय कौशल ने बताया कि इन मूर्तियों को 21 युवा कलाकारों ने बनाया है। इनमें 16 मूर्तियों को हरियाणा के युवा कलाकारों व 5 मूर्तियों को तेलंगाना, उड़ीसा, असम, उत्तराखंड और राजस्थान के कलाकारों ने बनाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का मुर्तिकला के विकास में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। किसी भी सभ्यता व संस्कृति की परिचायक उसकी कला होती है। सरकार के इस कदम से युवा मूर्तिकारों को नए अवसर मिले है।

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