International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

180 ग्राम का पश्मीना शॉल को निकाल सकते है आधे इंच के घेरे की अंगूठी से

180 ग्राम का पश्मीना शॉल को निकाल सकते है आधे इंच के घेरे की अंगूठी सेले-लद्दाख जैसे बर्फीले इलाके में स्नो भेंड़ के बालों से तैयार होती है पश्मीना, उत्सव में कुल्लु की पश्मीना, किन्नौरी और अंगूरी शॉल का इंतजार करते हैं पर्यटक कुल्लु के शिल्पकारों की 180 ग्राम वजन वाली शॉल महज आधे इंच की अंगूठी से आर-पार होते देखकर पर्यटकों का तांता लग गया। इस पश्मीना शॉल के अतिरिक्त किन्नौरी और अंगूरी शॉल भी पर्यटकों को खूब लुभाई। अहम पहलू यह है कि कुरुक्षेत्र उत्सव गीता महोत्सव में कुल्लु के बने हुए शॉलों के 300 से ज्यादा पक्के ग्राहक बन चुके हंै। खास बात यह है कि कुल्लू में अंगोरा रेबिट फर्म के नाम से उनकी शॉल व अन्य समान के लोग चाहवान है। अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के स्टाल नम्बर 30 पर कुल्लु की इस शिल्पकला को पर्यटकों के समक्ष रखने के लिए शिल्पकार हीरालाल के साथ-साथ अन्य लोग सचिन व संजु भी कुरुक्षेत्र उत्सव गीता महोत्सव में पहुंच चुके हैं। कुल्लु निवासी हीरा लाल ने पर्यटकों को 180 ग्राम वजन वाली पश्मीना शॉल को अंगूठी में से निकालकर दिखाते हुए बताया कि पश्मीना शॉल का कम से कम वजन 120 ग्राम का हो सकता है और इसकी कीमत डेढ लाख रुपए से भी ज्यादा है। लेकिन इस क्राफ्ट मेले में इस बार पश्मीना की 15 हजार रुपए से 35 हजार रुपए तक की शॉल और लोई खास आर्डर पर लेकर आए हैं। पिछले 2 दशकों से कुरुक्षेत्र उत्सव गीता महोत्सव में कुल्लु शॉल, जैकेट लेकर आ रहे हैं। इस बार महिलाओं के लिए अंगूरी स्वैटर और लोंग कोट लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि कुल्लु में पश्मीना, अंगूरी और किन्नौरी शॉल को तैयार करने के लिए खड्डिया लगाई हुई हैं। किनौरी शॉल को बनाने के लिए 45 दिन का समय लगता है और पश्मीना शॉल को 10-12 दिनों में तैयार कर लिया जाता है। इस उत्सव में निरंतर आने से उनके 300 से ज्यादा ग्राहक पक्के बन गए हैं, जो हर साल उनसे शॉल खरीदकर ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि ले-लद्दाख और चाईना बार्डर जैसे बर्फीले इलाके में स्नो गोड के बालों से पश्मीना तैयार किया जाता है। इस स्नो गोड के साल में एक बार ही बाल उतारे जाते हैं। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र के अलावा दिल्ली में कुल्लु शॉल को लोग ज्यादा पसंद करते हैं।

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