हरियाणा की प्राचीन संस्कृति का संगम हरियाणवी मंडप, हरियाणा के इतिहास को दिखाने का किया जा रहा है प्रयास
अंतर्राष्टीय गीता महोत्सव में हरियाणवी मण्डप अपनी एक विशेष पहचान बनाए हुए हैं, जहां दिनभर लोगों का तांता लगा रहता है। एक ओर दर्शक दीर्घा में बैठकर लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद ले रहे हैं वहीं दूसरी ओर हरियाणा मण्डप के प्रांगण में लगे दृश्य भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। इतना ही नहीं वीआईपी लोग भी हरियाणवी मण्डप में खिंचे चले आ रहे है।
कला एंव सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा तथा हरियाणा कला परिषद के द्वारा नोडल अधिकारी संजय भसीन की देखरेख में तैयार हरियाणवी मण्डप में स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता ने शिरकत करते हुए हरियाणवी पंडाल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मंडप में प्रवेश करते ही लघु हरियाणा के दर्शन हो रहे हैं। हरियाणा की पुरातन चीजे, जो आज की युवा वर्ग को देखने को नहीं मिलती, उन्हें हरियाणवी मंडप में स्थान देकर लोगों को अवगत करवाया जा रहा है। इसके अलावा ग्रामीण हरियाणा की झलक में मचान, कुआं, लोकगीत गाती महिलाएं अलग ही रंग जमा रही है। हरियाणवी मण्डप में हरियाणा का खान-पान भी हरियाणा की समृद्धता को दर्शा रहा है। डा. कमल गुप्ता ने भी नोडल अधिकारी संजय भसीन के साथ गोहाना के मशहूर जलेब का स्वाद चखा। इतना ही नहीं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, अम्बाला शहर के विधायक असीम गोयल, यूके से विदेशी मेहमान सहित बहुत से गणमान्य लोग हरियाणवी मंडप की झलक देखने पहुंचे। मंच पर भी हरियाणा के विभिन्न जिलों के कलाकारों सहित देश के अलग-अलग राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति की झलक निरंतर दिखा रहे हैं। जिन्हें देखने के लिए सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक बच्चों से लेकर 80 वर्ष के बुजुर्ग पंडाल में मौजूद रहते हैं। इसके अलावा पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियां छेड़ते बीन, बांसुरी तथा बंचारी दल भी लोगों को लुभाने का कार्य कर रहे हैं। विभाग के प्रधान सचिव डा. डी. सुरेश तथा निदेशक महाबीर कौशिक के दिशा निर्देश में संजय भसीन की मेहनत निरंतर रंग ला रही है और पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हुए हरियाणवी मण्डप आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।