अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मïसरोवर पर भव्य क्राफ्ट और सरस मेले में शिल्पकारों की शिल्पकला को देखकर दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी आश्चर्य चकित हो गए है। इस क्राफ्ट और सरस मेले में शिल्पकारों की हाथ की शिल्पकला पर्यटकों को लुभाने का काम कर रही है और लोग उनकी हाथ की शिल्पकला के कायल हो चुके है। जिससे वे जमकर खरीददारी कर रहे है। इतना ही नहीं अपनी कला को दिखाने के लिए दूर-दराज से आने वालेे शिल्पकार इस महोत्सव की शोभा को बढ़ा रहे है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में शिल्पकार साकील ने बताया कि वे गोवा के गांव पणजीम तालिग से आए है और वे अपने साथ इस महोत्सव में हाथ से बनी हुए हैंडलूम बैडशीट लेकर आए है। उन्होंने यह सामान स्टॉल नम्बर 736 पर लगाया हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वे इस हैंडलूम बैड शीट को अपने अड्डे (दरी दराज व चादर बनाने वाला औजार) पर तैयार करते है और उस पर हाथ के साथ सुंदर-सुंदर कढाई का काम किया जाता है। यह सभी हैंडलूम खादी व कोटन के कपडे से तैयार करते है और फिर उस पर हाथनुमा कारीगिरी से सुंदर-सुंदर आकृतियां बनाते है। यह हैंडलूम बैडशीट पर्यटकों को बहुत लुभा रही है और पर्यटक इसकी जमकर खरीददारी कर रहे है। उन्होंने बताया कि इस हैंडलूम बैडशीट को तैयार करने में 1 से 2 दिन का समय लगता है और इसमें 3 से 4 कारीगर काम करते है और इसकी कीमत 500 रुपए तक की है।