International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

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ब्रह्मसरोवर के घाटों पर नजर आए विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति के अलग-अलग रंग

हरियाणवी और पंजाबी लोक नृत्यों पर झूम उठे पर्यटक, अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में एन जेडसीसी के कलाकारों ने संभाली कमान
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन पर्व पर ब्रह्मसरोवर के घाटों पर विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे है। इन राज्यों के कलाकार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर 6 दिसंबर तक लोगों को अपने-अपने प्रदेशों की लोक कला के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे। इस महोत्सव पर आने के लिए देश का प्रत्येक कलाकार आतुर रहता है। इस वर्ष कोरोना महामारी के बाद फिर से ब्रह्मसरोवर के तट पर लोक संस्कृति को देखने का अवसर मिला है।
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र (एनजेडसीसी) की तरफ से विभिन्न राज्यों के कलाकार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंच चुके है। यह कलाकार लगातार 6 दिसंबर 2022 तक अपनी लोक संस्कृति की छठा बिखेरने का काम करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर रविवार को विभिन्न राज्यों की कला का संगम उमड़ा और विभिन्न राज्यों की कला के संगम के बीच कलाकार अपने-अपने राज्य की कला का बखूबी बखान किया। कलाकारों का कहना है कि कोरोना काल में बेशक वह अपने घरों में कैद हो गए थे मगर उन्होंने अपनी कला को फिर भी जिंदा रखा, कला के माध्यम से ही आज वह भी जिंदा है और अपनी कला को विदेशों तक पहुंचा रहे है। विदेशों की धरती पर भी उनकी कला ने उनका नाम रोशन किया है। गीता महोत्सव में पहुंचे कलाकारों का कहना था कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव एक ऐसा जरिया है जहां पर जहां पर वह पहुंचकर अपनी कला का बखूबी मंचन करते है।

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