International Gita Mahotsav

ब्रहमसरोवर पर नजर आए भारत की सांस्कृतिक और शिल्प कला के रंग

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव बना सांस्कृतिक और शिल्प कला का केन्द्र, दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है पर्यटकों और श्रृद्घालुओं की भीड़, प्रत्येक पर्यटक उठा रहा है शिल्पकला और विभिन्न व्यंजनों आनंद कुरुक्षेत्र 16 दिसंबर धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के ब्रहमसरोवर पर देश की सांस्कृतिक और शिल्पकला के रंग देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आनंदित कर रहे है। इस महोत्सव में शिल्पकला और संस्कृति के यादगार लम्हों को अपने जीवन के हसीन क्षण बनाने के लिए हरियाणा ही नहीं भारत वर्ष से लोग कुरुक्षेत्र की तरफ अग्रसर हो रहे है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन भारी संख्या में पर्यटक महोत्सव का आनंद लेने के लिए पहुंच रहे है। अहम पहलू यह है कि सरस और शिल्प मेले में शिल्पकारों अच्छा व्यवसाय कर चुके है। अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव-2021 के तमाम क्षणों को यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई है। इस महोत्सव को अगर देश की संस्कृति और शिल्पकला का केन्द्र बिन्दू कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इस महोत्सव के शिल्प मेले में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से विभिन्न राज्यों के शिल्पकार पहुंचे है। इनमें से कई शिल्पकारों को राष्टï्रीय, राज्य स्तरीय, संत कबीर दास सहित अन्य अवार्ड मिल चुके है। इन शिल्पकारों की शिल्पकला को निहारने के लिए रोजाना भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे है। महोत्सव में आए शिल्पकारों से बातचीत कर आंकलन किया गया तो शिल्प और सरस मेले में अच्छा व्यवसाय हो चुका है। इन आंकड़ो से सहजता से आंकलन किया जा सकता है कि यह महोत्सव शिल्पकारों के लिए आर्थिक रुप से भी एक विशेष महोत्सव के रुप में पहचान बना चुका है। शिल्पकला के साथ-साथ पर्यटकों को विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति से भी रुबरु होने का अवसर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से दिया गया है। इस महोत्सव में हिमाचल प्रदेश, आसाम, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, पंजाब, उतराखंड, झारखंड सहित अन्य राज्यों के लोक नृत्यों ने पर्यटकों को अपने मोहपास में बांधने का काम किया है। इसके अलावा बाजीगर, बहरुपिए और राजस्थान की कच्ची घोड़ी तथा हरियाणा की बीन बांसुरी और नगाड़ा पार्टी की थाप पर्यटकों को झूमने पर मजबूर कर रही है। इसलिए ब्रहमसरोवर के पावन तट पर भारत की संस्कृति और शिल्पकला का केन्द्र बन चुके है और एक ही तट पर भारत की संस्कृति को देखा जा सकता है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुभव मेहता ने कहा कि ब्रहमसरोवर पर सरस और शिल्प मेला 19 दिसंबर तक चलेगा। इस मेले के दौरान एनजेडसीसी के कलाकार ब्रहमसरोवर के घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुती देंगे। प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए है।

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