सांध्यकालीन महाआरती में अंबाला विधायक असीम गोयल, भाजपा प्रदेश महामंत्री डा. पवन सैनी, करनाल से मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि डा. संजय बठला व योग संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने की शिरकत, पुरुषोतमपुरा बाग में हुआ भजन संध्या का आयोजन, अंबाला के विधायक असीम गोयल ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता विश्व का एक महान ग्रंथ है। इस ग्रंथ में कहे गए एक-एक श्लोक में मानवता के लिए कुछ ना कुछ है। इसलिए अपने जीवन को सफल बनाने और सही मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों को धारण करना चाहिए। इस ग्रंथ के प्रत्येक श्लोक को स्मरण करने से मन को अध्यात्मिक शांति का अनुभव होता। विधायक असीम गोयल सोमवार को देर सायं ब्रह्मसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले विधायक असीम गोयल, भाजपा के प्रदेश महामंत्री डा. पवन सैनी, करनाल से मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि डा. संजय बठला, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, जिला महामंत्री सुशील राणा व योग संस्थाओं सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव पर ब्रहमसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया। इस गीता महाआरती से पहले कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण पर भजन संध्या की प्रस्तुती देकर ब्रहमसरोवर की फिजां में भक्तिरस भर दिया। विधायक असीम गोयल ने कहा कि श्रीमद भगवत गीता के श्लोकों में मनुष्य जीवन की हर समस्या का हल छिपा है। गीता के 18 अध्याय और 700 गीता श्लोक में कर्म, धर्म, कर्मफल, जन्म, मृत्यु, सत्य, असत्य आदि जीवन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर मौजूद है। यह किसी जाति, धर्म विशेष का ग्रंथ नही बल्कि सम्पूर्ण मानवता का ग्रंथ है। यह मनुष्यों को कर्म का संदेश देता है। मनुष्य जीवन की चिंताओं, समस्याओं, अनेक तरह के तनावों से घिरा हुआ है, कई बार वह भटक जाता है, ऐसे में गीता मानव को क्रियाशीलता का संदेश देती है और जीवन जीने की कला सिखाती है। प्रदेश महामंत्री डा. पवन सैनी ने कहा कि केडीबी के सदस्यों व अधिकारियों के प्रयासों से अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का बेहतरीन तरीके से आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2015 में जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल महोत्सव में शिरकत करने आए तब इस महोत्सव का स्वरुप काफी छोटा था, उस समय गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद और सभी ने गीता जयंती के आयोजन को बड़े स्तर पर करने का प्रस्ताव रखा और मुख्यमंत्री ने इस उत्सव को अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर मनाने की घोषणा की थी, तब से लेकर आज तक इस महोत्सव का आयोजन अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर किया जा रहा है। वर्तमान में पूरे विश्व में कार्यक्रम हो रहे है। इस कार्यक्रम के अंत में केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।