International Gita Mahotsav

पूरनचंद वडाली और लखविंदर वडाली ने सांस्कृतिक संध्या में घोला सूफी संगीत का रंग

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में तीसरे दिन की सांस्कृतिक संध्या का विधायक सुभाष सुधा व वीसी डा.सोमनाथ सचदेवा ने किया शुभारंभ, पूरनचंद वडाली और लखविंदर वडाली के सूफी संगीत पर जमकर झूमे पर्यटक, वास्मति मिश्रा की प्रस्तुति ने भी मोहा सबका मन
कुरुक्षेत्र, 1 दिसम्बर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में गुरुवार को पूरनचंद वडाली और लखविंदर वडाली ने सूफी संगीत से पूरे माहौल को सुफियाना कर दिया। उनके गीतों पर लोग जमकर झूमे। लोगों ने उनके बेहतरीन गानों की फरमाइश की जिसे उन्होंने पूरा किया। एक-एक करके दोनों ने गानों की झड़ी सी लगा दी, जिसमें दर्शक सराबोर हो गए और उन्होंने जमकर तालियां बजाई। इतना ही नहीं कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से वास्मति मिश्रा और उनके गु्रप ने भी शानदार प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 में वीरवार को देर सायं एनजैडसीसी व हरियाणा कला परिषद की तरफ से केडीबी के तत्वाधान में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में सूफी और क्लासिक कलाकारों ने खूब रंग जमाया। इस सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ विधायक सुभाष सुधा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा, निर्वतमान अध्यक्षा उमा सुधा, केडीबी के सीईओ चंद्रकांत कटारिया, केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी, केडीबी सदस्य केसी रंगा, एनजैडसीसी के सांस्कृतिक अधिकारी रविन्द्र शर्मा ने दीप शिखा प्रज्ज्वलित करके सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया। इस दौरान केडीबी की तरफ से विधायक सुभाष सुधा व कुलपति डा.सोमनाथ सचदेवा ने वास्मति मिश्रा, उस्ताद पूर्ण चंद वडाली व लखविन्द्र वडाली अमृतसर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
महोत्सव में हर रोज सांस्कृतिक संध्या में कोई न कोई कलाकर पहुंचता है और अपनी प्रस्तुति देता है। इसी कड़ी में सुप्रसिद्ध सूफी गायक पूरनचंद वडाली व लखविंदर वडाली पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले अपने गीतों की शुरूआत भजन से की। इसके बाद एक-एक करके अपने सुफी गानों से उन्होंने ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर पहुंचे लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जब तक उनके गीतों की प्रस्तुतियां रही, लोग लगातार तालियां बजाते रहे।
इन गानों की दी प्रस्तुति
पूरनचंद वडाली व लखविंदर वडाली ने अपने पॉपुलर बॉलीवुड गानों को गाया। उन्होंने जैसे ही रंगरेज मेरे गाने की शुरूआत की तो लोग अपनी सीटों से खड़े हो गए। वडाली के साथ गाने को गुनगुनाया। इस गाने ने लोगों में उत्साह भर दिया। इसके बाद उन्होंने तू माने या न माने दिलदारा अस्सा ते तैनू रब मंगया, सोणे यार, दमादम मस्त कलंदर, इक तू ही तू ही, बुलिया कि जाना मैं कौन, वारिश आदि गीतों को गाया।
खचाखच भरा पंडाल
ब्रह्मसरोवर के तट पर आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में पूरनचंद वडाली और लखविंदर वडाली की झलक पाने के लिए लोग बेताब नजर आए। उनके आने से करीब 1 घंटा पहले ही लोग पंडाल में पहुंचना शुरू हो गए थे। जैसे ही उन्होंने एंट्री ली लोगों ने तालियों से उनका स्वागत किया। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ा भीड़ बढ़ती चली गई। लोगों जमकर झूमे और कार्यक्रम का लुत्फ उठाया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top