मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, खेल मंत्री संदीप सिंह ने किया वैश्विक गीता पाठ का शुभारंभ, प्रदेश भर के स्कूलों के 75 हजार विद्यार्थी आनलाईन प्रणाली से जुड़े वैश्विक गीता पाठ से, कुरुक्षेत्र थीम पार्क में 18 हजार स्कूली विद्यार्थियों ने किया पवित्र ग्रंथ गीता के 18 अध्यायों के 18 श्लोकों का उच्चारण, कुरुक्षेत्र जिले के सभी स्कूलों की 5 दिसंबर को रहेगी छुट्टी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर 5159 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश देकर कर्म करने का संदेश दिया। इस पावन धरा पर दिए गए पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश युगों-युगों से मानवता को ज्ञान और शांति का मार्ग दिखा रहे है। इस पवित्र ग्रंथ गीता ने मानवता को जीवन जीने का सार और विश्व को शांति सद्भावना का संदेश देने का भी दिया है। इसलिए आज प्रत्येक नागरिक को पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित वैश्विक गीता पाठ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, बाबा भूपेंद्र सिंह, उपायुक्त शांतनु शर्मा, पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र भौरिया, एडीसी अखिल पिलानी, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी सीईओ चंद्रकांत कटारिया ने गीता पूजन और दीपशिखा प्रज्वलित कर विधिवत रुप से गीता जयंती के पावन पर्व पर वैश्विक गीता पाठ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस पावन धरा पर कुरुक्षेत्र के विभिन्न स्कूलों 18 हजार विद्यार्थियों ने निर्धारित समय अनुसार वैश्विक गीता पाठ में पवित्र ग्रंथ गीता के 18 अध्यायों के 18 श्लोकों का उच्चारण किया। इन विद्यार्थियों ने जैसे ही वैश्विक गीता पाठ शुरु किया, उसी समय हरियाणा के सभी जिलों के राजकीय और निजी स्कूलों के 75 हजार से ज्यादा विद्यार्थी, विभिन्न देशों के लोग आनलाईन प्रणाली से जुड़े और सभी ने एक सुर में विश्व शांति के लिए वैश्विक गीता पाठ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 5 दिसंबर को कुरुक्षेत्र जिले के सभी स्कूलों व वैश्कि गीता पाठ में भाग लेने वाले बच्चों की छुट्टी की घोषणा की।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गीता जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गीता जयंती का यह दिन विलक्षण, अनोखा और प्रेरणा देने वाला दिन है आज के दिन कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर हजारों वर्ष पूर्व पवित्र ग्रंथ गीता का उदगम हुआ। सरकार की तरफ से कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाता है। पहले इस महोत्सव को जिला स्तर पर ही मनाया जाता था, लेकिन वर्ष 2016 में इस महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का दर्जा दिया गया। इस महोत्सव में वैश्विक गीता पाठ एक अनोखा कार्यक्रम है। इस वैश्विक गीता पाठ के जरिए पूरे विश्व के लोगों तक पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को पहुंचाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। इस वर्ष भी सामूहिक वैश्विक गीता पाठ का आयोजन कुरुक्षेत्र से किया गया और इस वर्ष आनलाईन प्रणाली से वैश्विक गीता पाठ को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का काम किया गया। इस ऑनलाईन प्रणाली से हरियाणा प्रदेश के 75 हजार विद्यार्थियों के साथ-साथ विदेश के लोग भी जुड़े।
उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। इस पवित्र ग्रंथ में युवाओं को सही मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया है। इस युवा पीढ़ी को पवित्र ग्रंथ गीता के साथ जोड़ने के लिए ही सरकार द्वारा महोत्सव में वैश्विक गीता पाठ जैसे कार्यक्रमों को शुरु किया गया ताकि युवाओं को अच्छे संस्कार और शिक्षा मिल सके और देश के अच्छे नागरिक बन सके। जब युवा संस्कारवान और शिक्षित होंगे तभी एक अच्छे राष्टï्र का निर्माण सम्भव हो सकेगा। इस वैश्विक गीता पाठ के एक-एक श्लोक से वातावरण में सकारात्मक तरंगे फैलती है। इससे पूरे विश्व को वैश्विकता और सर्व व्यापकता का भाव भी मिलता है। सरकार की तरफ से कुरुक्षेत्र, प्रदेश के सभी जिलों में पवित्र ग्रंथ गीता को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से गीता जयंती को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का स्वरूप मिला। इस वैश्विक गीता पाठ से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। इस वैश्विक गीता पाठ का संदेश पूरे विश्व में जाएगा और पूरे विश्व में इन उपदेशों से सद्भावना, शांति का संदेश मिलेगा। इस पवित्र ग्रंथ गीता ने पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र का मान बढ़ाया है। इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों में मानवता के कल्याण का मार्ग दिखाया गया है।
हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यह सौभाग्य है कि गीता जयंती के पावन पर्व पर धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पवित्र धरती पर आने का अवसर मिला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्र सरकार की तरफ से प्रदेश वासियों को गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 1989 में गीता जयंती को लेकर कार्यक्रमों का आगाज हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से इस महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का बड़ा दर्जा मिला। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की पहचान विदेशों में भी हुई। भगवान विष्णु ने इसी धरा पर वामन अवतार के रूप में जन्म लिया। भारत फिर से विश्व गुरु बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है।
सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र 48 कोस के तीर्थों का विकास राज्य सरकार की तरफ से किया जा रहा है और इस धरती को तीर्थ नगरी के रूप में विकसित करने का अनोखा प्रयास किया जा रहा है। इसी धरा ज्योतिसर पर भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश दिए जो वर्तमान समय के साथ-साथ आने वाले समय भी पूर्णत प्रासंगिक रहेंगे। इस पवित्र ग्रंथ गीता को स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मुख से उच्चारण किया। इस ग्रंथ में सभी समस्याओं का नया समाधान है, शंकाओं, अंधकार को प्रकाश करने की शक्ति इसी ग्रंथ में निहित है। दुनिया को निस्काम भाव से कर्म करने संदेश भी मिल रहा है।
विधायक सुभाष सुधा मेहमानों का आभार और प्रदेश वासियों को गीता जयंती की बधाई देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान वैश्विक गीता पाठ के साथ 75 हजार विद्यार्थियों के अलावा विदेशों का वर्चुअल रुप से जुडऩा अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण है। इन ऐतिहासिक क्षणों के साक्षी बनना एक गौरव का विषय है। सरकार ने युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए ही वैश्विक गीता पाठ जैसे कार्यक्रमों को शुरु किया है। इन कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार मिलेंगे। इससे युवा पीढ़ी राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकेगी।
मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार भारत भूषण भारती व हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन डा. जयदीप आर्य ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गीता के श्लोकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा न्यू जर्सी जैसे दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में गीता के उपदेशों को पढ़ाया जाता है। कुरुक्षेत्र भूमि सभ्यता और संस्कृति को अपने अंदर समेटे हुए है। मां भद्रकाली, जागृति पीठ, थानेश्वर महादेव मंदिर, दुनिया का पहला श्रीकृष्ण संग्रहालय, सिख गुरुओं का इस पावन धरा पर आना, महात्मा बुद्ध, जैन धर्म और पवित्र सरस्वती नदी का यहां से गुजरना अपने आप कुरुक्षेत्र को दुनिया की एक सांस्कृतिक विरासत के रूप में विकसित करता है। सरकार के प्रयासों से कुरुक्षेत्र को शैक्षणिक, तकनीकी शिक्षा, आयुष शिक्षा, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विकसित किया गया है। इसलिए युवा पीढ़ी को गीता के उपदेशों का अनुसरण कर देश को प्रगति की राह पर आगे बढ़ाना चाहिए।
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि वैश्विक गीता पाठ के साथ प्रदेश, देश और विदेशों के लोग वर्चुअल रुप से जुड़े, यह क्षण कुरुक्षेत्र ही नहीं प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण है। केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के अंत में सभी मेहमानों को प्रशासन की तरफ से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में बाबा भूपेंद्र सिंह, एम्बेसडर गौरव अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस वैश्विक गीता पाठ में शामिल एक छात्रा सुरभि मुले ने मात्र 6 घंटे 17 मिनट गीता के 700 श्लोकों का अर्थ सहित प्रस्तुत करने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया हुआ है। इस मौके पर कनाडा से स्वामी ऐबटानंद, एम्बेसडर गौरव अग्रवाल, केयूके के वीसी प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन डा. जयदीप आर्य, पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, नेपाल एम्बेसी दिल्ली के सलाहकार यादू भटा राय, एसडीएम सुरेंद्र पाल, केडीबी सदस्य डा. सौरभ चौधरी, विजय नरूला, उपेन्द्र सिंघल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।