गीता महोत्सव बना कैदियों के हुनर प्रदर्शन का जरिया
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे है वही पर स्टाल नंबर 526 व 527 में अपनी लंबी सजा काटने वाले कैदियों को गीता महोत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिला। उनके द्वारा बनाई गए वस्तुओं की प्रदर्शनी लोगों को अपनी और खिंच रही है। कैदियों द्वारा बनाई गई चित्र कला, कुर्सी, व घर का साज सजावट का सामान उनकी कला बया कर रहा है।
वहां उपस्थित कर्मचारियों ने बताया कैदी गलत राह छोड़ कर सही राह पर चलने लगे उसके लिए अधिकारियों ने कैदी की कला को पहचान कर उनकी कला के अनुसार उस कार्य को सिखाया जाता है। ताकि उनका मन सही राह पर चल सके। कैदियों को उनकी कला के अनुसार मेहनताना भी दिया जाता है। अधिकारियों द्वारा यह अहम फैसला लिया गया कि कैदियों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में प्रदर्शनी लगाई जाए ताकि उनका हौसला बुलंद हो सके ओर वह गलत राह को छोड़ कर सही रहा अपना सके। वहा पर कैदियों को हर तरह की सुविधा दी जाती है ताकि वह अपना कार्य मन लगा कर कर सके। यदि कोई कैदी पढ़ना चाहता है तो वहां पर उनको पढ़ाया भी जाता है जिसके लिए बाहर से विशेष अध्यापक बुलाये जाते है।
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