International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

International Gita Mahotsav

शिल्पकारों की शिल्प कला महोत्सव में चार चांद लगाने का कर रही है काम

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर पर जहां दूसरे राज्यों की लोक संस्कृति अपने-अपने राज्यों की कला की छाप छोड़ने का काम कर रही है। वहीं दूसरी और ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर लगे सरस और क्राफ्ट मेले में दूर-दराज से आए शिल्पकारों ने इस महोत्सव में चार चांद लगाने का काम कर रहे है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर हाथों की जादुई शिल्पकला और विभिन्न प्रकार की सुंदर-सुंदर शिल्पकला ने इस महोत्सव को भव्य और सुंदर बनाने का काम किया है तथा ऐसी अनोखे रंग की शिल्पकला को देखकर इस महोत्सव में आने वाले पर्यटकों में भारी उत्साह और जोश देखने को मिल रहा है। इस महोत्सव ने सही मायने में अपनी भव्यता को साबित किया है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पंचकुला से आए दीपक ने बताया कि वे हर वर्ष इस महोत्सव में आते है तथा वे अपने साथ जूट से बने पक्षियों के लिए घोंसले, शौ पीस, पक्षियों के लिए झोपड़ी नुमा घोंसले, दाना-पानी के साथ-साथ सुंदर-सुंदर जूट से बनी वस्तुएं लेकर आए है।
उन्होंने कहा कि वे यह सभी चीजे स्वयं अपने हाथों से तैयार करते है। यह सज्जा सजावट का सामान बनाने में कम से कम 4 से 8 दिन का समय लगता है तथा इस सामान को बनाने के लिए 8 से 10 शिल्पकार कार्य करते है तथा इसकी कीमत 50 से 250 रुपए रखी गई है। इस महोत्सव में इन शिल्पकारों की शिल्पकला को देखकर पर्यटक जमकर खरीददारी कर रहे है तथा महोत्सव में पर्यटकों की इस भीड़ को देखकर कहा जा सकता है कि इस महोत्सव की भव्यता का सही मायने में अर्थ सार्थक साबित हो रहा है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top