गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि महान संतों की बदौलत आज हिन्दू समाज आगे बढ़ा है और हमें समाज को नई दशा-दिशा देने वाले संतों से प्रेरणा लेनी चाहिए, वास्तव में भारतीय संस्कृति की जो बेजोड़ मिसाल अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देखने को मिल रही है इससे भारत के गौरव बढ़ा है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज स्थानीय ब्रह्मसरोवर पर लगे शिल्प और क्राफ्ट मेले में लगी स्टॉल पर स्टॉल संचालकों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने यूथ ब्लड डोनेशन सोसाईटी द्वारा लगाए गए रक्तदान शिविर का भ्रमण करते हुए कहा कि रक्तदान महादान है, व्यक्ति को समय समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए, जरूरत के समय रक्त किसी के काम आता है। उन्होंने कहा कि गीता किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं यह विश्वव्यापी सार है। गीता हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ भी जुड़ी हुई है, पूरा स्वतंत्रता संग्राम गीता के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में लोग बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं, लोगों का उत्साह देखते ही बनता है। मेले में आने वाली पर्यटकों की भीड़ सें पवित्र ग्रंथ गीता के प्रति भाव होने का पता चलता कि पवित्र ग्रंथ गीता में लोगों की कितनी श्रद्धा भाव है। जीओ गीता की ओर से हर वर्ष जेलों में गीता जयंती को गीता पाठ और यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, ऐसे कार्यक्रमों से सकारात्मक सोच पैदा होती है। उन्होंने कहा कि 14 दिसम्बर तक मुख्य कार्यक्रम हो रहे है और 19 दिसम्बर तक सरस और शिल्प मेले का आयोजन किया जा रहा है तथा 14 दिसम्बर को दीपोत्सव कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने केडीबी कार्यालय में बनाए गए मीडिया सेंटर का भी अवलोकन भी किया। इस मौके पर केडीबी के सचिव मदन मोहन छाबड़ा, जीओ गीता के मीडिया प्रभारी रामपाल शर्मा, यूथ ब्लड डोनेशन सोसायटी के प्रधान विनोद पाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।