अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो…, के भजनों से सांस्कृतिक संध्या में भरा कृष्ण रस

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो…, के भजनों से सांस्कृतिक संध्या में भरा कृष्ण रस

लोक गायिका रंजू प्रसाद ने गीता महोत्सव की फिजा को बनाया कृष्णमय, पूर्व गृह सचिव एसएस प्रसाद के भजनों ने बांधा समां, एडीसी अखिल पिलानी ने किया राधा-कृष्ण नृत्य नाटिका कार्यक्रम का शुभारम्भ,अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो, दर पे तुम्हारे गरीब आ गया है…, छोटी-छोटी गईया, छोटे-छोटे बाल… आदि भजनों से अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या कृष्ण रस से सराबोर हो गई। इस सांस्कृतिक संध्या को कृष्णमय करने का काम भारतीय डाक सेवाएं 1988 बैच की चीफ पोस्टमास्टर जनरल एवं सुप्रसिद्घ लोक गायिका रंजू प्रसाद ने किया। इस लोक गायिका ने राधा कृष्ण, कृष्ण-सुदामा, कृष्ण लीलाएं, कृष्ण-गोपियों का स्नेह, मीरा की भक्ति आदि भजनों को प्रस्तुत करके सबको भाव-विभोर कर दिया। अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव 2021 में गत्त देर रात्रि प्रसिद्घ लोक गायिका रंजू प्रसाद और पूर्व गृह सचिव एसएस प्रसाद द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ एडीसी अखिल पिलानी, केडीबी सीईओ अनुभव मेहता, हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने दीपशिखा प्रज्जवलित कर किया। इस सांस्कृतिक संध्या का आगाज लोक गायिका रंजू प्रसाद ने भगवान गणपति देवा की वंदना से शुरुआत की है। इसके उपरांत उन्होंने अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो दर पे तुम्हारे गरीब आ गया है, छोटी-छोटी गईया, छोटे-छोटे बाल, छोटो सा मेरा मदन गोपाल, ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन सहित अन्य भजनों की प्रस्तुती देकर पंडाल में बैठे हजारों दर्शकों को भक्तिरस में सराबोर कर दिया और सभी दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाई तथा कलाकारों की प्रस्तुती की जमकर प्रंशसा की। लोक गायिका रंजू प्रसाद ने अपनी शानदार प्रस्तुती देकर दूर-दराज से आए मेहमानों को अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव और कर्मभूमि कुरुक्षेत्र में पहुंचने का एहसास भी कराया। उन्होंने कहा कि यह पुण्य और युद्घभूमि है, इस भूमि पर महाभारत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश देकर मोह छोडकऱ कर्म करने का संदेश दिया। इस भूमि से ही पवित्र ग्रंथ गीता का जन्म हुआ जो आज पूरे विश्व को मार्ग दिखा रहा है। हरियाणा के पूर्व गृह सचिव एसएस प्रसाद ने भी भजनों की प्रस्तुती देकर सबको आश्चर्य चकित कर दिया और कहा कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम बना है, जिनसे जहां एक ओर सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने का बल मिलता है वहीं दूसरी ओर आने वाली युवा पीढ़ी भी इस महोत्सव के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होती है। इस महोत्सव के माध्यम से आमजन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी युवाओं को उपलब्ध कराई जाए। जिनसे जागरूक होकर वे सरकार की योजनाओं व परियोजनाओं के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त कर उनका लाभ ले सके। इस नृत्य नाटिका में विभिन्न कलाकारों ने भी अपने अभिनय की शानदार प्रस्तुती दी। इस मौके पर केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, नप अधिकारी केएल बठला, केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी, उपेन्द्र सिंघल, महेन्द्र सिंगला, विजय नरुला, केसी रंगा, सुशील राणा आदि उपस्थित थे।

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