श्रीकृष्ण ने मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का संदेश देते हुए कहा कि फल चिंता छोडक़र सिर्फ अपना कर्म कर, कर्म करने से ही तेरा उद्घार होगा। विश्व कल्याण के लिए सभी को पवित्र ग्रंथ गीता का अनुसरण करना होगा। इस ग्रंथ में विश्व की तमाम समस्याओं का हल करने का मार्ग दिखाया गया है। इस ग्रंथ के एक-एक शब्द से शिक्षा और संस्कार ग्रहण किए जा सकते है।