गीता स्थली कुरुक्षेत्र आने वाले समय में पूरे विश्व को दिखाएगा शांति सद्भावना का मार्ग:कटारिया
सांसद रत्तन लाल कटारिया, विधायक रामकुमार कश्यप, सीएम के राजनैतिक सचिव कृष्ण् बेदी ने सांध्यकालीन महाआरती में की शिरकत, मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित
अंबाला के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रत्तन लाल कटारिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की तरफ पूरा विश्व आकर्षित हो रहा है। यह गीता स्थली कुरुक्षेत्र आने वाले कुछ समय में पूरे विश्व को शांति सद्भावना का मार्ग दिखाने का काम करेंगा। इससे पूरे विश्व में संघर्ष मिट जाएगा और शांति सद्भावना बन जाएगी।
सांसद रत्तन लाल कटारिया शुक्रवार को देर सायं ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले सांसद रत्तन लाल कटारिया, इंद्री विधायक रामकुमार कश्यप, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी, नगर पालिका पिहोवा के चेयरमैन आशीष चक्रपाणी, सीईओ चंद्रकांत कटारिया, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, पूर्व चेयरमैन गुरदयाल सुनहेड़ी, महेश मुनि जी महाराज, केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी, केसी रंगा, सुशील राणा, रामधारी शर्मा, प्रदीप झांब, राकेश पुरोहित सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर ब्रह्मसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया।
सांसद रत्तन लाल कटारिया ने कहा कि कलयुग से 35 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि पर गीता का उपदेश दिया और महर्षि वेद व्यास ने पवित्र ग्रंथ गीता को प्रकट किया। श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का सन्देश अर्जुन को सुनाया था। भगवत गीता में एकेश्वरवाद, कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग की बहुत सुन्दर ढंग से व्याख्या की गई है। पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आज भी हमारे जीवन के रहस्यों को उजागर करते है, आज का इंसान जीवन की मोह माया में पड़ा रहता है। भगवत गीता का ज्ञान ही हमें इस सांसारिक मोह-माया के बंधन से आजाद कर सकता है। गीता का ज्ञान ही स्वयं को और सर्वशक्तिशाली ईश्वर को पहचानने का अवसर देता है।
विधायक रामकुमार कश्यप व राजनैतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश पवित्र ग्रंथ गीता में है, जो मनुष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसे हर मनुष्य को जानना बहुत जरूरी है। श्रीमद्भगवद्गीता वर्तमान में धर्म से ज्यादा जीवन के प्रति अपने दार्शनिक दृष्टिकोण को लेकर भारत में ही नहीं विदेशों में भी लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है। निष्काम कर्म का गीता का संदेश विश्व के सभी गीता प्रेमियों को भी लुभा रहा है। पवित्र ग्रंथ गीता विश्व के सभी धर्मों की सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल है। इस कार्यक्रम के अंत में केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।



