



आज के अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में कुरुक्षेत्र उमड़ी भारी भीड़ ने भक्ति, संस्कृति और उत्साह का अद्भुत अनुभव पेश किया। 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक मनाया जा रहा यह महोत्सव दिन-प्रतिदिन और खास बनता जा रहा है। लोक संगीत की सुरमयी धुनों पर कलाकारों की थिरकती प्रस्तुतियाँ पूरे वातावरण में ऊर्जा भर देती हैं। ढोल की थाप, उमंग भरे चेहरे और संस्कृति की झलक—यही है इस उत्सव की सच्ची पहचान। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 में उपस्थित सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है, जहां उत्साह, आध्यात्मिकता और भारतीय परंपरा का संगम हर किसी को मंत्रमुग्ध कर रहा है।