International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

राजस्थान के कलाकारों द्वारा कूची-गुड़ी नृत्य से पर्यटकों का भव्य स्वागत

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के पावन ब्रह्मसरोवर पर चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में राजस्थान से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत कूची-गुड़ी नृत्य पर्यटकों के लिए एक आकर्षक अनुभव बन गया है। उत्साहपूर्ण अंदाज और रंग-बिरंगे परिधानों में किया जाने वाला यह स्वागत नृत्य न केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है, बल्कि उन्हें राजस्थान की समृद्ध लोक-सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित करा रहा है। पर्यटक कलाकारों के साथ नृत्य कर इस पारंपरिक कला का आनंद ले रहे हैं और राजस्थान की लोक परंपराओं का जीवंत अनुभव महसूस कर रहे हैं। जयपुर से आए कलाकारों के दल के प्रमुख रामप्रसाद शर्मा ने बताया कि उनकी आठ सदस्यीय टीम प्रतिदिन ब्रह्मसरोवर पर पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत करती है। रामप्रसाद शर्मा के अनुसार, कूची-गुड़ी नृत्य का ऐतिहासिक महत्व भी है। यह राजस्थान की राजसी परंपराओं से जुड़ा हुआ है, जहां पुराने समय में राजा-महाराजा की विजय और सम्मान के अवसर पर इसे प्रस्तुत किया जाता था। वर्तमान में यह नृत्य विशेष रूप से विवाह समारोहों और पारंपरिक आयोजनों में बारात के स्वागत के दौरान किया जाता है।

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