अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां एक ओर इस भव्य महोत्सव का आगाज हो चुका है वहीं दूसरी ओर ब्रह्मसरोवर के तट पर लगे सरस और क्राफ्ट मेले में आए शिल्पकार अपने हस्त की शिल्पकला से महोत्सव में रंग भर रहे है। इस महोत्सव में आए हुए शिल्पकारों की हाथ की इस अद्भुत शिल्पकला से आने वाले पर्यटक बहुत ही आकर्षित हो रहे है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में क्राफ्ट और सरस मेले में दूसरे राज्यों से शिल्पकार पहुंच रहे है और अपने साथ हाथ से बने सुंदर-सुंदर आकृतियों के सामान से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। महोत्सव में आए हसन अली ने बताया कि वे असम से आए है और वे अपने साथ पर्यटकों के लिए बांस व बैंत से बने घर की सज्जा सजावट का सामान लेकर आए है तथा उन्होंने अपना यह सामान स्टाल नंबर 129 पर लगाया हुआ है। उन्होंने बताया कि वे हर वर्ष इस महोत्सव में आते है तथा वे इस सामान को बांस व बैंत का काट-काट कर सुंदर-सुंदर रूप देकर घर का सज्जा-सजावट का सामान बनाते है। इस सामान को बनाने के लिए वे बांस और बैंत को बहुत ही बारिक से काटकर सज्जा सजावट का सामान तैयार करते है तथा इस सामान को बनाने के लिए 4 से 5 दिन का समय लगता है। उन्होंने कहा कि वे इस महोत्सव में अपने साथ बांस व बैंत से बने फूड बास्केट, वॉल सीनरी, फलावर पोर्ट, ट्रे,पैन पोर्ट, बास्केट, कप इत्यादि घर की सजावट का सामान लेकर आए है। इस सामान को बनाने के लिए उनका परिवार इस कार्य में सहयोग करता है। उन्होंने कहा कि उनके स्टाल पर घर की सज्जा-सजावट के इस सामान की कीमत 25 रुपए से 3000 हजार तक का समान मिलता है।