International Gita Mahotsav

भारत मां से है प्यार तो मिट्टी से बने उत्पादों को ना करे इनकार

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के ब्रह्मसरोवर पर गीता महोत्सव के सरस मेले पर अनेकों कलाकारों द्वारा अपनी शिल्पकला को प्रदर्शित किया जा रहा है। इस महोत्सव में पानीपत के गडशानी से आए शिल्पकार मुकेश कुमार मिट्टïी से बने अनेक प्रकार के बर्तनों को लेकर पहुंचे है। उनके मिट्टïी के बर्तनों से सजे स्टॉलों पर पर्यटकों की भीड़ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके यह मिट्टïी से बने बर्तन कितने शानदार है। वे बर्तन बनाते समय लाल और काली मिट्टी का इस्तेमाल करते है।
शिल्पकार मुकेश कुमार ने कहा कि आधुनिकता के कारण कही न कही हम अपनी प्राचीन संस्कृति से दूर होते जा रहे है। गीता महोत्सव के माध्यम से पर्यटकों को फिर से अपनी मिट्टी से जुडऩे का मौका प्रदान करने का काम कर रहे है। पहले सभी लोग मिट्टी के बर्तनों में ही भोजन किया करते थे परन्तु आधुनिकता के चलते सभी लोग स्टील वा एल्यूमीनियम के बर्तन ही इस्तेमाल कर रहे है। उनके द्वारा मिट्टïी के बर्तनों को बड़े ही अनोखे ढंग से तैयार किया गया है, जिनमें बॉटल, प्रेशर कुकर, अचरदानी, तवा इत्यादि सामान शामिल है, जो की देखने में बड़ी ही आकर्षक है और ये बर्तन हानिकारक भी नही है, क्योंकि मिट्टी के बर्तन कीटाणु मुक्त होते है।
शिल्पकार ने कहा कि पहले मिट्टी के बर्तन सिर्फ चूल्हे पर ही इस्तेमाल किए जाते थे परंतु इनके द्वारा बनाए गए बर्तन गैस पर भी इस्तेमाल कर सकते है। उनके द्वारा देश भर में लगने वाले विभिन्न मेलों में अपना स्टॉल स्थापित किया जाता है। हाल ही में ये चंडीगढ़ कलाग्राम से अपनी स्टॉल लगा कर आए है। उनके द्वारा बनाए गए बर्तनों का मूल्य मात्र 100 से 5 हजार तक है। कुरुक्षेत्र की धर्म भूमि पर आकर उन्हें बड़ा ही अच्छा महसूस हो रहा है और यहां का वातावरण बड़ा ही अद्भुत और मन मोहित कर देने वाला है।

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