राज्यपाल बंडारु दतात्रेय, केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डïी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने किया वैश्विक गीता पाठ का शुभारंभ, प्रदेश भर के 2500 स्कूलों के 55 हजार विद्यार्थी आनलाईन प्रणाली से जुड़े वैश्विक गीता पाठ से, कुरुक्षेत्र ब्रहमसरोवर पर 15 स्कूलों के 1155 स्कूली विद्यार्थियों ने किया पवित्र ग्रंथ गीता के 18 अध्यायों के 18 श्लोकों का उच्चारण, राज्यपाल, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री एकाएक मिलने के लिए पहुंचे बच्चों के बीचकुरुक्षेत्र 14 दिसंबर हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दतात्रेय ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर 5158 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश देकर कर्म करने का संदेश दिया। इस पावन धरा पर दिए गए पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश युगों-युगों से मानवता को ज्ञान और शांति का मार्ग दिखा रहे है। इस पवित्र ग्रंथ गीता ने मानवता को जीवन जीने का सार और विश्व को शांति सदभावना का संदेश देने का भी दिया है। इसलिए आज प्रत्येक नागरिक को पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। अहम पहलू यह है कि राज्यपाल बंडारु दतात्रेय और केन्द्रीय मंत्री जी किशन रेड्डïी बच्चों के गीता पाठ से इतने प्रभावित हुए कि वे मिलने के लिए बच्चों के बीच पहुंच गए। राज्यपाल बंडारु दतात्रेय मंगलवार को अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव 2021 मेें कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और शिक्षा विभाग के तत्वाधान में आयोजित वैश्विक गीता पाठ कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारु दतात्रेय, केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डïी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, विधायक सुभाष सुधा, आरएसएस के प्रचारक किशोर कांत, उपायुक्त मुकुल कुमार, एनजेडसीसी की निदेशिका दीपिका पोखरान, पुलिस अधीक्षक डा. अंशु सिंगला, एडीसी अखिल पिलानी, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी सीईओ अनुभव मेहता, एसडीएम नरेन्द्र पाल मलिक ने गीता पूजन और दीपशिखा प्रज्जवलित करके विधिवत रुप से गीता जयंती के पावन पर्व पर वैश्विक गीता पाठ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस पावन धरा पर कुरुक्षेत्र के 15 विद्यालयों के 1155 विद्यार्थियों ने निर्धारित समयानुसार वैश्विक गीता पाठ में पवित्र ग्रंथ गीता के 18 अध्यायों के 18 श्लोकों का उच्चारण किया। इन विद्यार्थियों ने जैसे ही वैश्विक गीता पाठ शुरु किया, उसी समय हरियाणा के सभी जिलों के राजकीय और निजी स्कूलों के 55 हजार से ज्यादा विद्यार्थी, विभिन्न देशों के लोग आनलाईन प्रणाली से जुड़े और सभी ने एक सुर में विश्व शांति के लिए वैश्विक गीता पाठ किया। राज्यपाल बंडारु दतात्रेय ने गीता जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गीता जयंती का यह दिन विलक्षण, अनोखा और प्रेरणा देने वाला दिन है आज के दिन कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर हजारों वर्ष पूर्व पवित्र ग्रंथ गीता का उदगम हुआ। सरकार की तरफ से कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर हर वर्ष अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाता है। पहले इस महोत्सव को जिलास्तर पर ही मनाया जाता था, लेकिन वर्ष 2014 के बाद इस महोत्सव को अंतर्राष्टï्रीय महोत्सव का दर्जा दिया गया। इस महोत्सव में वैश्विक गीता पाठ एक अनोखा कार्यक्रम है। इस वैश्विक गीता पाठ के जरिए पूरे विश्व के लोगों तक पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को पहुंचाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। इस वर्ष भी सामुहिक वैश्विक गीता पाठ का आयोजन कुरुक्षेत्र से किया गया और कोविड-19 के कारण इस वर्ष आनलाईन प्रणाली से ही वैश्विक गीता पाठ को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का काम किया गया। इस आनलाईन प्रणाली से हरियाणा प्रदेश के 55 हजार विद्यार्थियों के साथ-साथ विदेश के लोग भी जुड़े। उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। इस पवित्र ग्रंथ में युवाओं को सही मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया है। इस युवा पीढ़ी को पवित्र ग्रंथ गीता के साथ जोडऩे के लिए ही सरकार द्वारा महोत्सव में वैश्विक गीता पाठ जैसे कार्यक्रमों को शुरु किया गया ताकि युवाओं को अच्छे संस्कार और शिक्षा मिल सके और देश के अच्छे नागरिक बन सके। जब युवा संस्कारवान और शिक्षित होंगे तभी एक अच्छे राष्टï्र का निर्माण सम्भव हो सकेगा। इस वैश्विक गीता पाठ के एक-एक श्लोक से वातावरण में सकारात्मक तरंगे फैलती है। इससे पूरे विश्व को वैश्विकता और सर्व व्यापकता का भाव भी मिलता है। सरकार की तरफ से कुरुक्षेत्र, प्रदेश के सभी जिलों के साथ-साथ मारिशिस, यूके जैसे देशों में पवित्र ग्रंथ गीता को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस प्रकार के कार्यक्रमों से विदेशों में भी नागरिकों में जागरुकता आ सके। केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन जी किशन रेड्डïी ने कहा कि यह सौभाग्य है कि गीता जयंती के पावन पर्व पर धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पवित्र धरती पर आने का अवसर मिला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार की तरफ से प्रदेश वासियों को गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 1989 में गीता जयंती को लेकर कार्यक्रमों का आगाज हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से इस महोत्सव को अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का बड़ा दर्जा मिला और अब राज्यपाल बंडारु दतात्रेय के मार्गदर्शन में अब इसका स्वरुप ओर अधिक बढ़ेगा। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के प्रयासों से अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव की पहचान विदेशों में भी हुई। कुरुक्षेत्र उनके गृह क्षेत्र दक्षिण भारत हैदराबाद का गहरा संबंध रहा है। कुरुक्षेत्र के गांव अमीन में देवी माता की पूजा हैदराबाद में भी की जाती है। भगवान विष्णु ने इसी धरा पर वामन अवतार के रुप में जन्म लिया। इस वामन अवतार की दक्षिण भारत में भी पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि भारत फिर से विश्व गुरु बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। आज पूरे भारत में देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव के रुप में मनाया जा रहा है और गीता महोत्सव भी इसी थीम को समर्पित किया गया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र 48 कोस के तीर्थों का विकास राज्य सरकार की तरफ से किया जा रहा है और इस धरती को तीर्थ नगरी के रुप में विकसित करने का अनोखा प्रयास किया जा रहा है। इसी धरा ज्योतिसर पर भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश दिए जो वर्तमान समय के साथ-साथ आने वाले समय भी पूर्णत प्रासंगिक रहेंगे। इस पवित्र ग्रंथ गीता को स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मुख से उच्चारण किया। इस ग्रंथ में सभी समस्याओं का नया समाधान है, शंकाओं, अंधकार को प्रकाश करने की शक्ति इसी ग्रंथ में निहित है। दुनिया को निस्काम भाव से कर्म करने संदेश भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गीता के श्लाकों को पाठयक्रम में शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा न्यू जर्सी जैसे दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में गीता के उपदेशों को पढ़ाया जाता है। कुरुक्षेत्र भूमि सभ्यता और संस्कृति को अपने अंदर समेटे हुए है। मां भद्रकाली, जागृति पीठ, थानेसवर महादेव मंदिर, दुनिया का पहला श्रीकृष्ण संग्रहालय, 8 सिख गुरुओं का इस पावन धरा पर आना, महात्मा बुद्घ, जैन धर्म और पवित्र सरस्वती नदी का यहां से गुजरना अपने आप कुुरक्षेत्र को दुनिया की एक सांस्कृतिक विरासत के रुप में विकसित करता है। सरकार के प्रयासों से कुरुक्षेत्र को शैक्षणिक, तकनीकी शिक्षा, आयुष शिक्षा, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिï से विकसित किया गया है। इसलिए युवा पीढ़ी को गीता के उपदेशों का अनुसरण कर देश को प्रगति की राह पर आगे बढ़ाना चाहिए। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि राज्यपाल बंडारु दतात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से गीता जयंती को अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का स्वरुप मिला। इस वर्ष कोरोना के कारण 22 जिलों के 55 हजार विद्यार्थी आनलाईन प्रणाली से साथ जुड़े है। इस वैश्विक गीता पाठ से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। इस वैश्विक गीता पाठ का संदेश पूरे विश्व में जाएगा और पूरे विश्व में इन उपदेशों से सदभावना, शांति का संदेश मिलेगा। इस पवित्र ग्रंथ गीता ने पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र का मान बढ़ाया है। इस पवित्र गं्रथ गीता के उपदेशों में मानवता के कल्याण का मार्ग दिखाया गया है। विधायक सुभाष सुधा मेहमानों का आभार और प्रदेश वासियों को गीता जयंती की बधाई देते हुए कहा कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के दौरान वैश्विक गीता पाठ के साथ 55 हजार विद्यार्थियों के अलावा विदेशों का वर्चुअल रुप से जुडऩा अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण है। इन ऐतिहासिक क्षणों के साक्षी बनना एक गौरव का विषय है। सरकार ने युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए ही वैश्विक गीता पाठ जैसे कार्यक्रमों को शुरु किया है। इन कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार मिलेंगे। इससे युवा पीढ़ी राष्टï्र निर्माण में अपना योगदान दे सकेगी। उपायुक्त मुकुल कुमार ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि वैश्विक गीता पाठ के साथ प्रदेश, देश और विदेशों के लोग वर्चुअल रुप से जुड़े, यह क्षण कुरुक्षेत्र ही नहीं प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण है। इस कार्यक्रम के अंत में सभी मेहमानों को प्रशासन की तरफ से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर एडीसी अखिल पिलानी, एसडीएम नरेन्द्र पाल मलिक, सीईओ केडीबी अनुभव मेहता, जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री, डीपीसी विनोद कौशिक, डीआईओ विनोद सिंगला, केडीबी सदस्य डा. सौरभ चौधरी, विजय नरुला, उपेन्द्र सिंघल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।