
परंपरा की धुन और संस्कृति की गूँज ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में चार चाँद लगा दिए। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मनमोहक प्रस्तुति ने पूरे माहौल को उत्साह और लोक-संस्कृति के रंगों से भर दिया। दर्शक संगीत की मधुर धुनों में डूबकर महोत्सव के सांस्कृतिक अनुभव का आनंद लेते नजर आए, जिससे यह कार्यक्रम यादगार और विशेष बन गया।