
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की पावन सर भूमि पर आज पंजाब की पारंपरिक लोक संस्कृति की मनमोहक झलक दिखाई दी। रंग-बिरंगे परिधान, पारंपरिक वाद्य और कलाकारों की जीवंत उपस्थिति ने पूरे उत्सव को और भी उत्साहपूर्ण, रंगीन और ऊर्जा से भर दिया। संस्कृति और कला का यह संगम दर्शकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन गया।