

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की दिव्य रात्रि में, पारंपरिक वेशभूषा में सजी कलाकाराओं ने अपनी उज्ज्वल मुस्कानों और लोक-संस्कृति की चमक से ब्रह्मसरोवर की सुंदरता को और भी अद्भुत बना दिया। रंग, रोशनी और परंपरा—सभी मिलकर इस रात को अविस्मरणीय अनुभव बना रहे हैं।