
स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता युवा पीढ़ी के लिए संस्कार, ज्ञान और जीवन–दिशा का सर्वोत्तम स्रोत है। उन्होंने बताया कि गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि व्यवहारिक जीवन का अद्वितीय मार्गदर्शक है, जो व्यक्ति को चरित्र, आत्मविश्वास, धैर्य और कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जीवन के हर प्रश्न का समाधान गीता के श्लोकों में निहित है, इसलिए यह ग्रंथ समय, परिस्थितियों और युगों से परे सार्वभौमिक संदेश प्रदान करता है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि आज 50 से अधिक देशों में आयोजित वैश्विक गीता पाठ में करोड़ों लोगों का एक साथ जुड़ना भारतीय संस्कृति की विश्वभर में स्वीकृति का अद्भुत प्रमाण है। यह आयोजन न केवल अध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि दुनिया को गीता के शांति, ज्ञान और समरसता से भरे संदेश से जोड़ने का ऐतिहासिक माध्यम भी बना है।