


भीड़ भरे मेले के बीच यह नन्ही कलाकार अपनी संतुलन कला से सबका मन जीत लेती है। रस्सी पर चलना केवल कला नहीं, बल्कि परंपरा, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है। हर वर्ष गीता महोत्सव में प्रस्तुत ऐसी लोक कलाएँ हमें याद दिलाती हैं कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा उसके कलाकारों में बसती है। इस नन्ही कलाकार की दृढ़ता, निडरता और मेहनत हम सभी के लिए प्रेरणा है। गीता का संदेश भी यही कहता है—कर्म करते रहो, सफलता अवश्य मिलेगी।