International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

गीता महोत्सव में संगीत, भक्ति और परंपरा का संगम

मंच पर खड़े इस लोक कलाकार की ऊँची उठी हथेलियाँ, सुरों में डूबा हुआ मन, और टीम का सामंजस्य—सब मिलकर हरियाणा की सांस्कृतिक आत्मा को जीवंत कर रहे हैं। गीता महोत्सव के पावन अवसर पर भजन, रागनी और लोकगीतों की मधुर धुनें वातावरण में घुलती हैं, तो यह केवल संगीत नहीं होता—यह आस्था, परंपरा और समर्पण की गूंज होती है। ये कलाकार अपनी आवाज़ों के माध्यम से कुरुक्षेत्र की धरती पर गीता के शाश्वत संदेश को सुरों में पिरो देते हैं—“कर्म करते रहो… फल की चिंता मत करो।” आज का यह सुंदर क्षण दिखाता है कि कला सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज की संस्कृति और भावनाओं का जीवंत दर्पण है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की ओर से सभी लोक कलाकारों को सादर नमन!

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