
कुरुक्षेत्र, 4 दिसंबर। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 में इस वर्ष भी शिल्पकार अपने पारंपरिक हस्तकला उत्पादों के साथ उपस्थित हुए। उत्तरी तट पर स्थित स्टॉल नंबर 95 पर उन्होंने दरी, मैट, गलीचे और कालीनों की खूबसूरत विविधता सजाई, जिसे पर्यटक अत्यधिक पसंद कर रहे हैं और सक्रिय रूप से खरीदारी कर रहे हैं। शिल्पकार ने बताया कि यह कार्य उनका पारिवारिक पेशा है और सभी सदस्य मिलकर इन उत्पादों को तैयार करते हैं। उनके स्टॉल पर 50 रूपए से लेकर 10,000 रूपए तक के उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनके रंग और गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आती। शिल्पकार ने यह भी कहा कि गीता महोत्सव के अलावा वे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और अन्य राज्यों में लगने वाले बड़े मेलों में भी अपनी कला प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने महोत्सव में अपनी कला प्रस्तुत करने का अवसर मिलने पर प्रशासन का धन्यवाद करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र की पवित्र धरा पर आने से उन्हें आध्यात्मिक अनुभव भी प्राप्त होता है।