International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

गीता महोत्सव में राजस्थानी स्वाद और लोक-संस्कृति का अनोखा संगम

कुरुक्षेत्र, 4 दिसंबर। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 में इस वर्ष राजस्थान की पारंपरिक संस्कृति और देसी स्वाद का मनमोहक मेल पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है। सरस मेला परिसर के उत्तर–पश्चिमी तट पर लगे स्टॉल नंबर 819–820 पर दाल-बाटी, चूरमा, राज कचौरी और केसरिया दूध जैसे व्यंजनों की खुशबू लोगों को रुकने पर मजबूर कर देती है। दूर-दराज से आए पर्यटक न केवल इन स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठा रहे हैं, बल्कि इन्हें पैक कर अपने घर भी ले जा रहे हैं। इसी के साथ मंच पर प्रस्तुत की जा रही राजस्थान की पारंपरिक ‘कच्ची घोड़ी’ नृत्य शैली ने माहौल को और भी जीवंत कर दिया है। कलाकारों के रंगीन परिधान, ढोल की थाप और उनकी जोशीली प्रस्तुति दर्शकों को रोमांच और उत्साह से भर देती है। भोजन, संगीत और लोककलाओं का यह अनोखा संगम महोत्सव में उपस्थित हर व्यक्ति को राजस्थान की मिट्टी, संस्कृति और उसकी लोकपरंपरा का अप्रतिम अनुभव करवा रहा है।

Scroll to Top
Enable Notifications OK No thanks