


गीता जयंती महोत्सव 2025 के अवसर पर कुरुक्षेत्र में हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा आयोजित भव्य गीता पुस्तक मेले के साहित्य मंच पर संस्कृत नाटक ‘चाणक्य’ का प्रभावशाली और प्रेरणादायक मंचन प्रस्तुत किया गया। इस ऐतिहासिक नाटक का प्रदर्शन आर.के.एस.डी. कॉलेज, कैथल के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने किया, जिन्होंने अपनी दमदार संवाद-अदायगी, भाव-भंगिमाओं और अभिव्यक्ति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में गुलजारी लाल नंदा केंद्र की निदेशिका डॉ. शुचि स्मिता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं, जिन्होंने कहा कि “‘चाणक्य’ जैसा संस्कृत नाटक भारतीय राजनीति, नीति और संस्कृति की गहन समझ युवाओं के माध्यम से उजागर करता है।” संस्कृत प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. चितरंजन दयाल सिंह कौशल ने विद्यार्थियों की प्रतिभा की सराहना की, जबकि नाटक के निर्देशक डॉ. अशोक अत्री ने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और पात्रों की गहराई को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर पूर्व IGP (जेल) रिटायर्ड डॉ. हरीश रंगा भी उपस्थित रहे और उन्होंने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। दर्शकों ने पूरे समय तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का मनोबल बढ़ाया। यह सशक्त मंचन न केवल गीता जयंती महोत्सव की शोभा बढ़ाने वाला रहा, बल्कि भारतीय संस्कृति, नीति और इतिहास के प्रति नई पीढ़ी में रुचि जागृत करने वाला भी सिद्ध हुआ। हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के इस तरह के आयोजन युवाओं को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।