एनजेडसीसी के अधिकारी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर वर्ष कच्ची घोड़ी के कलाकार पहुंचते है। यह कलाकार राजस्थान से संबंधित है और इस बार भी कच्ची घोड़ी का ग्रुप यहां पहुंचा है। इस ग्रुप के कलाकार 7 दिसंबर से ही लगातार राजस्थान की परंपरा अनुसार कच्ची घोड़ी का नृत्य कर रहे है। यह नृत्य लोगों को खूब भा रहा है। जब कच्ची घोड़ी के कलाकार शिल्प और सरस मेले में अपने नृत्य शुुर करते है तो युवाओं का हजूम एकत्रित हो जाता है, वह सभी युवा भी इन कलाकारों के साथ नृत्य करने में मदमस्त हो जाते है