International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

अनोखी शिल्पकला ब्यां कर रही है शिल्पकारों की मेहनत का सार

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मïसरोवर के पावन घाटों पर अलग-अलग राज्यों सें पहुंचे शिल्पकारों की शिल्पकला पर्यटकों के मन को मोह लिया है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मïसरोवर के पावन तट पर 19 नवंबर से 6 दिसंबर तक लगने वाले इस सरस और क्राफ्ट मेले में शिल्पकारों की अनोखी शिल्पकला की मेहनत के सार को खुद में ही ब्यां कर रही है। इतना ही नहीं इस सरस और क्राफ्ट मेले में विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों ने अपनी हस्त शिल्पकला को अदभुत तरीके से सजाने का काम किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मïसरोवर के पावन तट पर सहारनपुर युपी से आए दानिश ने बताया कि वे अपने साथ लकड़ी का बना साज्जो-सजावट का सामान लेकर आए है। वे यह सारा सामान नीम, शीशम व टीक की लकड़ी से बनाते है तथा इसको बनाने में कम से कम 2 से 4 दिन का समय लगता है तथा इस कार्य के लिए उनके पास 50 कारीगर कार्य करते है जोकि अपनी हस्त शिल्पकला का प्रदर्शन अन्य राज्यों में भी करते है। वे इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर वर्ष आते है तथा इस बार वे अपने साथ झूला, कॉफी सेट, टी सेट, रॉकिंग चेयर, रेस्ट चेयर, फ्लावर पोर्ट, कार्नर व स्टूल लेकर आए है। उन्होंने इनकी कीमत 1000 से 18000 तक रखी है। अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव पर इस अदभुत शिल्पकला ने एक अनोखी छाप छोड़ी है, महोत्सव में दूर दराज से आए शिल्पकारों की अनोखी शिल्पकला से ब्रह्मïसरोवर का पावन तट सज चुका है। शिल्पकारों की हस्त की शिल्पकला को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ से यह उत्साह देखने को मिल रहा है तथा इन शिल्पकारों की शिल्पकला से बनी अनोखी वस्तुओं को पर्यटक जमकर खरीददारी कर रहे है।

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