लघु भारत की छवि को देखा जा सकता है ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर, देश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालु और पर्यटक, 600 से ज्यादा शिल्पकार कर रहे है यात्रियों को आकर्षित, प्रशासन की व्यवस्था से खुश नजर आ रहे है शिल्पकार और कलाकार
कुरुक्षेत्र 23 नवंबर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के कारण ही धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र को शिल्प और लोक कला केंद्र के रूप में एक अनोखी पहचान मिल रही है। इस गीता स्थली कुरुक्षेत्र की गोद में देश की लगभग सभी राज्यों की लोक कला और संस्कृति समा गई है। इस लोक कला और संस्कृति को देखने के लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक नवंबर-दिसंबर माह में कुरुक्षेत्र पहुंच रहे है। इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मंच पर देश के 23 राज्यों से 600 से ज्यादा शिल्पकार पहुंचे है और देश के 6 से ज्यादा राज्यों के लोक कलाकार अपने-अपने प्रदेश की संस्कृति की छटा बिखेर रहे थे।