


कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन 2025 का भव्य उद्घाटन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया गया। अपने संबोधन में मंत्री ने कहा कि भगवद गीता केवल भारत तक सीमित नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए शाश्वत संदेश लेकर आई है। गीता न केवल एक ग्रंथ बल्कि जीवन में कर्तव्य, साहस, आत्मबल और निस्वार्थ कर्म का सर्वोत्तम मार्गदर्शन प्रस्तुत करती है। उन्होंने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए बताया कि युद्ध बदले के लिए नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना के लिए होता है।
समारोह में स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने गीता को स्वधर्म, उदारता और मानवता का मार्ग बताते हुए विश्व को इसके संदेश पर चलने की प्रेरणा दी। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने गीता के निस्वार्थ कर्म और सत्य पालन के संदेश को वैश्विक शांति का आधार बताया। सांसद नवीन जिंदल, मंत्री अनिल विज, मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, तथा देश-विदेश से आए विद्वानों ने भी गीता की वैश्विक प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए।
सम्मेलन में जर्नल ऑफ हरियाणा स्टडीज़ का विशेषांक और सम्मेलन स्मारिका भी विमोचित की गई। कार्यक्रम का समापन केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव और राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस आयोजन ने गीता के सतत, निस्वार्थ और प्रेरक संदेश को वैश्विक मंच पर उजागर किया और युवाओं को जीवन में धर्म, सत्य और कर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।